
जानकारी के अनुसार पिछोर कस्वे में निवासरत रिटायर हवलदार वारेलाल सोलंकी ने एक उल्लू पाल रखा था और वह उल्लू को कमरे में बंद कर दो दिन के लिए बाहर चले गए और जब लोटे तो कमरे में उल्लू मरा पड़ा था, वारेलाल जब तक कुछ करते उससे पहले ही उनके किसी पड़ोसी की सूचना पर वन विभाग ने वारेलाल के घर पहुचकर उल्लू को जप्त कर उसका पीएम कराते हुए रिटायर हवलदार वारेलाल के खिलाफ वन प्राणी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश कर दिया और न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया।
आरोपी बारे लाल का कहना था कि उन्हें तो उल्लू घायल अवस्था मे सडक़ पर मिला था और वह उसे उठाकर घर ले आये थे जिसे वह कमरे में बंद कर खेती किसानी के कार्य से वाहर गए, इसी बीच उसकी मौत हो गई।