बिनेगा बस्ती की ओर कैमरों से नहाती हुई महिलाओं को है दिक्कत, नहीं हटाऐं तो करें एफआईआर : उईके

शिवपुरी। अनुसूचित जनजाति आयोग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनसुईया उइके आज बिनेगा गाँव पहुंची और उन्होंने वहाँ आदिवासी बस्ती में हालातों का खुद जायजा लिया तथा आदिवासी समुदाय की महिलाओं से चर्चा भी की। चर्चा के दौरान आदिवासियों महिलाओं ने बिनेगा आश्रम प्रबंधन द्वारा उनकी बस्ती की ओर रुख करके लगाए सीसीटीव्ही कैमरों की शिकायत जब आयोग के उपाध्यक्ष से की तो वे चौंक पड़ीं। 

श्रीमती अनसुइया उइके ने अपनी प्रेस कॉन्फे्रंस में भी इस बात का उल्लेख जोर देकर किया और कहा कि बिनेगा गाँव में आदिवासी महिलाओं ने खुद आगे आकर उनसे शिकायत की है कि वे सीसीटीही कैमरे की जद में हैं और वे नहाती हैं तो सीसीटीव्ही कैमरे से उनकी रिकॉर्डिंग की जाती है। श्रीमती उइके ने कहा कि यह बेहद गम्भीर विषय है और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। 

उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में एडीशनल एसपी एवं कलेक्टर को तत्काल कैमरे हटवाने को कहा गया है साथ ही यह निर्देश भी दिए गए हैं कि यदि ये कैमरे सम्बन्धित द्वारा नहीं हटाए जाते तो उनके विरुद्घ अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया जाए। इस मामले में कलेक्टर और एडीशनल एसपी ने समुचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। 

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती उइके ने विनेगा आदिवासी बस्ती और आश्रम प्रबंधन के बीच चल रहे विवाद पर चर्चा करते हुए कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत आदिवासियों को पट्टे दिए गए हैं, कुटीरें भी शासकीय योजना से मंजूर की गई हैं किन्तु फिलहाल यह मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से यह कार्यवाही रुकी हुई है किन्तु कलेक्टर ने उन्हें आश्वस्त किया है कि प्रकरण का निराकरण होने के तत्काल बाद ही आदिवासियों को पट्टा मुहैया करायें जायेंगे। 

उपाध्यक्ष ने इस बात पर हैरानी जताई कि आश्रम को शासकीय स्तर पर दी गई भूमि कानिजी तौर पर उपयोग कैसे किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह जाँच का विषय है, इस भूमि पर जो आश्रम है उसकी भी जाँच होनी चाहिए क्योंकि इसका उपयोग सभी लोगों को करना चाहिए केवल निजी हित में उपयोग उचित नहीं। शिवपुरी जिले में आदिवासियों को छह छह माह से राशन न मिलने का तथ्य भी उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और प्रशासन को समुचित कार्यवाही के निर्देश दिए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस से पूर्व श्रीमती उइके ने अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक ऐसा आयोग है, जिसे संवैधानिक अधिकार प्राप्त है और इस आयोग को जुडिशियल अधिकार भी प्राप्त है। उन्होंने बताया कि आयोग का प्रयास है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन की जानकारी लेना है। 

आयोग की उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में बैगा, भारिया और सहरिया अतिपिछड़ी जनजातियां है। केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में इन जनजातियों को प्राथमिकता के आधार पर लाभ देने का प्रावधान है। अधिकारीगण मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए यह सुनिश्चित करें कि शिवपुरी जिले में रहने वाली अति पिछड़ी सहरिया जनजाति के लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के आधार पर मिलें। इसके लिए सहरिया जनजाति बाहुल्य ग्रामों में जनजागरूकता शिविर लगाकर योजनाओं की जानकारी दें और उन्हें योजनाओं का लाभ उठाने हेतु भी प्रेरित करें। 

आदिवासियों की जमीनों से हटायेे जायेंगे दबंगों के कब्जे
श्रीमती उइके ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सहरिया जनजाति वर्ग के लोगों की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वालों के विरूद्ध कब्जा हटाकर सख्त कार्यवाही करें और अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण भी दर्ज करें। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में सहरिया जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को भी प्राथमिकता के आधार पर आवास उपलब्ध कराए। 

बैठक में वनाधिकार अधिनियम के तहत पट्टो का वितरण विभिन्न राहत योजनाओं के तहत मिलने वाली सहायता राशि, स्वरोजगार हेतु विभिन्न योजनाओं में हितग्राहियों को लाभांवित करने छात्रावासों एवं आश्रमों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहने वाले छात्र-छात्राओं को मिलने वाली शासन की सुविधाओं आदि पर चर्चा कर जानकारी ली। बैठक में कलेक्टर श्री तरूण राठी ने जिले में सहरिया जनजाति वर्ग के लोगों के लिए संचालित योजनाओं कार्यक्रमों एवं अभियानों की जानकारी देते हुए बताया कि सहरिया जनजाति की जमीन पर अवैध कब्जेधारियों के विरूद्ध शीघ्र ही कार्यवाही हेतु अभियान संचालित किया जाएगा।