
आज भी शहर के कई मैरिज गार्डनों में आने वाले मेहमानों की गाडिय़ां ट्रैफिक का कचूमर बना रही है। बावजूद इसके गार्डन वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। पार्किंग की जगह नहीं होने पर मैरिज गार्डनों को सील तक कर देने वाला प्रशासन नियमों का पालन करने और मैरिज गार्डन वालों की मनमानी को रोकने के मामले में सुस्त साबित हो रहा है।
दो साल पहले प्रशासन ने अपना डंडा बजाया और मैरिज गार्डन वाले लाइन पर आ गए थे। कुछ मैरिज गार्डन को छोडक़र सभी ने पार्किंग की व्यवस्था भी की और नियमों का पालन करने की बात भी कही, लेकिन अब हालात फिर खराब हो गए।
कहीं नियमों का उल्लंघन कर सडक़ों पर पार्किंग की जा रही है तो कहीं पार्किंग की जगह का इस्तेमाल भी खाना पकाने और खाने खिलाने के लिए किया जा रहा है। साथ ही न तो इन मैरिज गार्डनो में सुविधा और सुरक्षा के नाम पर सिर्फ कोरा आष्वासन है। नगर में संचालित मैरिज गार्डनो में न तो सीसीटव्ही कैमरे और न ही अग्निषामक यंत्र न ही फिलटर पानी कि व्यवस्था और न ही सुरक्षा के खासे इंतजाम है।
यहां मैरिज गार्डन संचालक लोगो से एक दिन के बुकिंग के हजारो रूपए वसूल रहे है। और सुविधा और सुरक्षा के नाम पर सिर्फ धोखा दे रहे है। इस पूरे मामले को कोलारस प्रषासन टकटकी भरी आंखो से देख रहा है। लेकिन कार्यवाही करने कि हिम्मत नही जुटा पा रहा। इस मामले पर कोलारस के जिम्मेदार अधिकारियो को भी आवगत करा दिया है। लेकिन प्रषासन रटा जबाब देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया जाता है। इस तरह प्रषासन कि मंषा पर कई सवाल खड़े हो रहे है।
सडक़ को बना दिया पार्किंग
प्रशासन की सुस्ती के कारण गार्डन वालों ने नियमों को ताक पर रख दिया है। एमआर 10, एमबी रोड, बायपास, रिंग रोड, सपना-संगीता रोड, भंवरकुआं सहित शहर भर के प्रमुख मार्गों पर बने गार्डनों में पार्किंग के लिए आरक्षित बताई गई जमीन पर मेहमाननवाजी की जा रही है और यहां आने वाले मेहमानों की गाडिय़ां ट्रैफिक का बैंड बजा रही हैं।
सबकुछ अधिकारियों की जानकारी में और सामने होता है, लेकिन बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। लगातार बिगड़ते हालातों और प्रशासन कि बैरूखी से लगातार अवैध रूप् से संचालित हो रहे मैरिज गार्डन संचालको के हौसले बुलंद होते जा रहे है। वहिं प्रशासन बेसुध बैठा है। आने समय में विवाह सम्मेलन और जोरदार शादी समारोह होने के चलते कोलारस में हाईवे किनारे हालत खराब होने कि संभावना देखी जा रही है। लेकिन प्रषासन ने इससे निपटने के लिए कोई रूप् रेखा नहीं बनाई है।
पहले कार्रवाई, फिर नोटिस और अब कुछ नहीं -
पार्किंग एरिया के लिए कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी गार्डनों में 35 प्रतिशत पार्किंग एरिया सुनिश्चित होना चाहिए और उसके बाद समय-समय पर टीम बनाकर जांच कराई जानी चाहिए। और सभी मैरिज गार्डनो को नगर परिशद में टैक्स के दायरे में लाना चाहिए क्युं कि यह मैरिज गार्डन संचालको के लिए भारी आय का स्त्रोत बने हुए है।
कोलारस में अभी तक एक भी मैरिज गार्डन नगर परिशद में दर्ज नही है। इसी क्रम में पिछले वर्ष कुछ मेरिज गार्डनों पर कार्यवाही करके संमझाईस देकर छोड़ दिया गया था। पार्किंग की जगह नहीं होने पर कई मैरिज गार्डनों को पार्किंग निर्माण के लिए समय भी दिया गया था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो रहा और न ही इस मामले में गंभीरता दिखाई दे रही है।