शिवपुरी के गौरव संत चिदानंद विजय जी होंगे आचार्र्य पदवी से अलंकृत

शिवपुरी। 34 वर्ष पूर्व दीक्षाग्रहण करने वाले शिवपुरी निवासी स्व. खजानचीलाल जी लिगा के सुपुत्र पंन्यास प्रबर चिदानंद विजय जी महाराज को जिनशासन की महती सेवा के लिए आचार्र्य पदवी से अलंकृत किया जाएगा। इस अवसर पर 29 मर्ई को राजस्थान के जैतपुर नगर में आयोजित समारोह में संतचिदानंद विजय जी को उनके गुरू आचार्य नित्यानंद विजय जी महाराज आचार्र्य पदवी से सुशोभित करेंगे।

विदित हो कि सूरत में संक्रांति महोत्सव के अंतर्र्गत खुड़ाला, सेसली, सांड़ेराव, शिवपुरी, सूरज, दिल्ली, अम्बाला, लुधियाना, अहमदाबाद और मुम्बई आदि विभिन्न संघों के प्रतिनिधियों ने अपनी भावना में पन्यास, प्रबर चिदानंद विजय जी महाराज को आचार्र्य पद से विभूषित करने का आग्रह किया था। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार पन्यास प्रबर चिदानंद विजय जी महाराज का सांसारिक नाम कपिल था और उन्होंने 34 वर्ष पूर्व आचार्र्य नित्यानंद विजय जी महाराज के कर कमलों से दीक्षा ग्रहण की थी। दीक्षा ग्रहण करने के बाद उनका नामकरण चिदानंद विजय जी किया गया था और संत चिदानंद विजय जी महाराज ने अपनी जन्म स्थली शिवपुरी में 6 साल पूर्र्व चार्तुमास किया था। 

अपने 34 वर्र्ष के संयम जीवन में उन्होंने ज्ञान, ध्यान, साधना में अपने को रमाकर शासन की महती प्रभावना की है और कर रहे हैं। ऐसे सुपात्र शिष्य को आचार्य पदवी से विभूषित करना एक गुरू के लिए अतिशय आनंद का क्षण होगा। 

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