परिवहन विभाग की भ्रष्टाचार एक्सप्रेस: 3 सीटर AUTO में लटकाऐ जा रहे 15 बच्चे

शिवपुरी। जिले मे परिवहन विभाग की भ्रष्टाचार वेलगाम दौडे जा रही है। स्कूली बच्चो की सुरक्षा के लिए सप्रीम कोर्ट ने तक गाईड लाईन जारी कर रखी है। लेकिन विभाग की लापरवाही या भ्रष्टाचारी के कारण सारे नियमो को खूटी पर टांग दिया गया है। खबर आ रही है कि करैरा में 3 सीटर टैक्सी में 15 बच्चे लटकाने की खबर आ रही है। करैरा नगर में संचालित निजी स्कूलो की पुलिस और परिवहन विभाग के अनैतिक गठबंधन के कारण चल रहे निजी वाहनो में बच्चो को ठूस-ठूस कर भरा जा रहा है जो सीधा-सीधा किसी भी हादसे को निमत्रंण देता है

बच्चों को स्कूल लाने और वापस घर छोडऩे के लिए लगाई अधिकतर टैक्सी बिना परमिट के संचालित हो रही है। ऐसे में सरकार को हर महीनों हजारों रुपयों का चुना भी लग रहा है। 

करैरा नगर में ही करीब दो दर्जन से अधिक बिना परमिट के वाहन बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के काम में लगाए गए हैं। खास बात यह है कि अभिभावकों को भी यह जानकारी है कि उनका बच्चा वाहन पर लटककर जाता है। इसके बाद भी वे ध्यान नहीं देते हैं। 

आलम यह है कि स्कूल ले जाने के लिए लगाई गई टैक्सियों में बच्चों की दशा देखकर किसी का भी मन पसीज जाएगा। जिस आपे में 3 लोगों के बैठने की क्षमता सरकार से स्वीकृत है, उनमें 14 से अधिक बच्चों को ठूंसा जाता है। साथ में उनके स्कूल बैग भी होते हैं, जिन्हें या तो गाड़ी के ऊपर रख देते हैं या बच्चों को हाथ में पकड़ कर बैठना पड़ता है। 

यह सब कुछ स्कूल प्रबंधन के सामने होता है, लेकिन शायद ही कभी किसी ने उन्हें रोकने का प्रयास किया हो। बच्चे स्कूल वाहनों के पीछे और दाएं व बांय लटककर जाते हैं। यह सब देख कर भी प्रशासन अनदेखा कर रहा है। लगता है कि जब कोई बड़ा हादसा होगा तब स्थानीय प्रशासन की नींद टूटेगी।

चंद पैसों के लालच में बच्चो की जान खतरे में
अभिभावकों की माने तो उन्होंने इसे लेकर कई बार टैक्सी के मालिकों से बात करने की कोशिश भी की, लेकिन वे इस स्थिति में किराया बढ़ाने की बात करते हैं। अब ऐसे में उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है। उनका कहना है कि वर्तमान में टैक्सी वाले उनसे 500 से 600 रुपए किराया प्रतिमाह लेते हैं, लेकिन जब बच्चे की सुविधा के लिए टैक्सी में भीड़ कम करने को कहते हैं तो वे डबल किराए की मांग करते हैं। इसलिए भी अभिभावक ओवरलोडिंग का ज्यादा विरोध नहीं करते। लेकिन अभिभावकों को सबसे पहले इस ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि चंद पैसों से कही ज्यादा कीमती है हमारे बच्चे।

पुलिस, शिक्षा और परिवहन विभाग नहीं करता कार्रवाई
नगर में स्थित केंद्रीय विद्यालय, संस्कृति स्कूल, सत जॉन स्कूल, बचपन स्कूल, सीता सेंट्रल स्कूल, आइडियल केम्ब्रिज स्कूल, तिरुपति ब्लेसड स्कूल सहित अन्य स्कूलों में लगे 20 से ज्यादा स्कूल वाहनों पर क्षमता से अधिक बच्चों को बिठाया जाता है। 

इन वाहनों की कभी भी पुलिस द्वारा चेकिंग नही की जाती है और न ही शिक्षा विभाग या परिवहन विभाग ध्यान दे रहा है। यही वजह है कि स्कूली वाहन संचालक मनमानी कर बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। 

इनका कहना है
कई बार करैरा में हमारी परिवहन विभाग की टीम गयी है। लेकिन टीम को देखकर स्कूली वाहन छिप जाते है। फिर भी हम आगे पूरी तैयारी के साथ इनको घेर कर नियमानुसार करवाई करेंगे। और स्कूल संचालकों को भी पत्र भेजकर ओवरलोडिंग नही करने के लिए कहेंगे।
विक्रमजीत सिंह कंग आरटीओ शिवपुरी
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