शिवपुरी। शहर की खराब सडक़ो के कारण शिवपुरी में पर्यटको की संख्या में गिरावट आई है। इस कारण अब सिंधिया राजवंश की बनी छत्री को देखने के लिए आपको ज्यादा पैसे चुकाने होगेें।
सिंधिया राजवंश की इन दोनों छतरियों में माधौराव प्रथम और उनकी मां जीजाबाई की संगमरमर से बनी छत्री बनी है। इसे देखने के बाद आगरा के ताजमहल की अनुभूति लोगों को होती है। लेकिन बीते 2 से 3 सालों में सडक़ों की खराब हालत की वजह से यहां पर्यटकों की संख्या में गिरावट आ गई।
जिस वजह से अब छत्री ट्रस्ट प्रबंधन यहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सुविधाएं बढा रहा है तो वहीं इसलिए उसके शुल्क में भी बढोतरी करनी पड़ रही है। छत्री घूमने आने वालों के लिए दो पहिया-चार पहिया वाहन के पार्किंग का शुल्क अलग से भुगतान करना पड़ेगा।
फुब्बारा पुन: शुरू होगा
वर्ष 1990 से बंद छत्री का फव्वारा एक बार फिर से चालू होगा। यहां फिल्म डाकू हसीना की शूटिंग हो चुकी है। छतरी ट्रस्ट प्रबंधन ने यहां पानी लाने के लिए जाधव सागर से पानी लाने की व्यवस्था कर ली है। इस पर 4 लाख रुपए भी खर्च किए जा चुके हैं।
22 लाख रुपए छतरी के रखरखाव पर हो रहा खर्च
साल का 22 लाख रुपए खर्च छतरी के रखरखाव पर हो रहा है। हमारे पास सिर्फ छह से सात लाख रुपए आ रहे हैं। ऐसे में हमें इसके टिकिट के पैसे बढ़ाने पड़ रहे हैं।
अशोक मोहिते, छतरी ट्रस्ट ऑफिसर