2004 में चोरी हुई थी मूर्तिया: चोर ने राधारानी के काटे पैर, सोने की नही है मूर्तिया

मुकेश रघुंवशी/कोलारस। सन 2004 में कोलारस अनुविभाग के मायापुर थाना क्षेत्र के ग्राम महुआ में स्थित मंदिर से राधाकृष्ण के मंदिर से भगवान राधा कृष्ण की मूर्तिया चोरी हुई थी। चोरी हुई यह मुर्ति गांव में एक भूसे की ढेर में मिली है। एफआईआर में यह मूर्ति सोने की बताई गई थी। लेकिन आज पुलिस ने इन्है चैक कराया तो यह पीतल की निकली। 

इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह निकल कर आई है कि चूकि यह मंदिर काफी प्राचीन है और यह मूर्तिया पेशवा रामचंद्र राव के समय (1815 से 1835 के बीच रामचंद्र पेशवा रहे थे) की हैं। लगभग 180 साल पुरानी इन मुर्तियो को अभी तक सोने की मना जाता रहा है। सन 2004 में जब मुर्तिया चोरी हुई थी जब एफआईआर में यह मूर्तिया सोने की लिखाई गई थी। और इनका वजन 1 किलोग्राम बताया गया था लेकिन अब इनका बजन  313 ग्राम बताया जा रहा है। 

कल दोपहर को गांव के ही किसान राजेंद्र यादव के खलिहान में सालों से जमे भूसे को निकालते वक्त मजदूरों को दोनों मूर्तियां मिलीं। मूर्तियां मिलने की सूचना पर ग्रामीण एकत्रित हो गए। सरपंच अशोक यादव ने बताया कि चोरों ने राधा रानी के पैर काट दिए हैं। ग्रामीण मूर्ति को फिर से बनवाएंगे। 

चोरी हुई मुर्ति मिलने की सूचना के बाद मायपुर थाना प्रभारी परमानंद शर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे उन्होने उन मुर्तिया को खनियाधानां के स्वर्णकार राजू सोनी से चैक कराया तो वह पीतल की निकली। 

अब ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि इन मुर्तियो को सोने की समझ किसी अज्ञात चोर ने इन मुर्तियो को चुराया था। चोर ने राधारानी के पैर काटकर किसी सुनार को चैक कराया तो यह पीतल की निकली,संभत: इसी कारण इन मुर्तियो को गांव के भूसे के ढेर में दबा दिया होगा। फिलहाल मायापुर पुलिस ने इस मामले की जांच पुन: शुरू कर दी है। चोर सभंवत गांव का ही कोई ग्रामीण है। पुलिस ने इन मुर्तिया को फिलहाल मायापुर थाने में रखवा दिया है।