RANGARH RAINBOW SCHOOL में गुण्डागर्दी, छात्रा परीक्षा से वंचित, स्कूल में हाथापाई

शिवपुरी। वैसे तो शहर में कुकुरमुत्तों की तरह गली-गली मे खुल रखे स्कूलों ने शिक्षा का पूरी तरह से व्यवसाईकरण कर दिया है पर अब तो स्कूल संचालक सरेआम गुण्डागर्दी पर उतर आए है। जिले भर में संचालित निजी विद्यालय संचालकों द्वारा छात्रों एवं उनके पालकों के साथ ज्यादती की घटनायें आए दिन समाचार पत्रों द्वारा प्रकाशित की जाती रही है।

लेकिन अधिकारियों द्वारा विद्यालय संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही न किए जाने पर उनके द्वारा छात्रों के पालकों का लगातार आर्थिक शोषण किया जाता रहा है। आज सुबह छत्री रोड़ पर संचालित विद्यालय में छात्रा को प्री बोर्ड परीक्षा में न बैठने देने पर छात्रा के परिजनों द्वारा कर्मचारी से हाथापाई कर दी गई।

छात्रा को किया परीक्षा से वंचित
जिला मु यालय छत्री रोड़ पर संचालित निजी रन्गढ रेनवो विद्यालय में अध्ययनरत एक छात्रा को प्री बोर्ड परीक्षा से बकाया शुल्क जमा न किए जाने की बजह से वंचित कर दिया गया इस छात्रा द्वारा अपने भाई को फोन कर बुला लिया गया, छात्रा के भाई द्वारा रिसेप्सनिष्ट तिवारी से परीक्षा में बैठाने के लिए मिन्नतें की गई, लेकिन तिवारी को तो विद्यालय संचालक के निर्देशों का पालन करना था उसने कहा छात्रा की परीक्षा में शुल्क जमा होने के बाद ही बैठने दिया जाएगा। इस पर छात्रा के भाई द्वारा रिशेप्सनिष्ट तिवारी के साथ हाथा पाई कर दी। 

विद्यालय छोड़ भागा संचालक
छात्रा को परीक्षा से वंचित किए जाने पर उसके भाई तथा तिवारी से जब गहमा गहमी चल रही थी तब विद्यालय संचालक ने मामला तूल पकड़ते देख अपने अधीनस्थ कर्मचारी का छात्रा के भाई से होने बाली गहमा गहमी के बीच अधर में विद्यालय परिसर में छोड़ गार्डी लेकर वहां से यह कहते हुए निकल लिया कि मेडम अब मामले को आप ही संभालना 

अन्य छात्रों के पालकों से भी की ज्यादती
छत्री रोड़ पर संचालित रन्गढ़ रेनवो विद्यालय के संचालक द्वारा एक छात्रा को ही प्री बोर्ड परीक्षा से ही वंचित रखने के लिए ज्यादती नहीं बल्कि विद्यालय के दर्जनों छात्रों को प्री बोर्ड परीक्षा देने से वंचित रखने का प्रयास किया गया। जिनके पालकों द्वारा आर्थिक संकट के चलते विद्यालय का बकाया शुल्क किसी कारा बस जमा नहीं किया जा सका, उनके पालकों से शुल्क बसूलने के उपरांत ही छात्रों को प्री बोर्ड परीक्षा में शामिल होने दिया गया।

यह किया जा सकता था
रंगढ़ रेनवो विद्यालय संचालक द्वारा प्री बोर्ड परीक्षा में छात्र एवं छात्राओं को न बैठने देने के लिए ज्यादती की गई, कई छात्रों को शुल्क जमा कराए जाने के उपरंात ही प्री बोर्ड परीक्षा में समय निकल जाने के उपरांत ही प्री बोर्ड परीक्षामें समय निकल जाने के बाद ही परीक्षा में बैठने दिया गया। 

जबकि छात्रों के पालकों द्वारा पूर्व में हजारों रूपए विद्यालय में शुल्क के रूप में जमा कराया जा चुका है। यदि कुछ शुल्क बकाया भी रह गया है तो छात्रों की अंक सूची को रोका जा सकता था। लेकिन विद्यालय संचालक अशोक रंगढ द्वारा छात्रों के पालकों की समस्या को न समझने का प्रयास किया बल्कि वहां बगैर बातचीत किये रवाना हो गए।