
इस मामले में मानव अधिकार आयोग के आयोग मित्र आलोक एम इंदौरिया ने मामले की विस्तृत जानकारी आयोग भोपाल को भेजी। जिसके बाद इस मामले की जांच में सामने आया कि हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के लिए लागू अधिनियम 2013 के तहत उन्हें समुचित सुरक्षा उपाय नहीं दिए गए।
मानव अधिकार आयोग ने अपनी जांच में पाया कि सुरक्षा उपायों को लागू न करके उनके सफाई कर्मियों से जीवन के अधिकार को छीना गया है। आयोग ने दोनों सफाई कर्मियों के परिजनों को एक महीने के भीतर दस-दस लाख रुपए का मुआवजा देने के निर्देश बीते रोज दिए थे।
आयोग ने यह निर्देश प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन व विकास विभाग को देकर तत्परता से कार्रवाई करने को कहा था। आयोग ने क्षतिपूर्ति के अलावा मैला उठाने वाले कर्मियों को एक्ट की धारा 4 व 5 में बताए गए सभी 44 प्रकार के सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
नगर निगम एवं नगर पालिकाओं को ये सभी सुरक्षा उपाय मुहैया कराना जरूरी किया गया है। साथ ही सभी मु य नगर पालिका अधिकारी, नगर निगम आयुक्त और लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं। आयोग ने ये सुविधाएं सुनिश्चित करने की सिफारिश भी की हैं।