दीक्षार्थी नीलम के स्वागत में उमड़ा शहर

शिवपुरी। सांसारिक जीवन को त्याग कर वैराग्य धारण करने जा रही शिवपुरी की लाड़ली नीलम चौरडिय़ा का आज शहर के प्रमुख मार्गो से भव्य दीक्षा जुलूस निकला। सजे हुए रथ और राजसी वेषभूषा में सवार नीलम का जहां से भी दीक्षा जुलूस निकला नागरिकों ने जातपात की सीमा को लांघ कर उनका हृदयस्पशी स्वागत किया। 

श्री श्वेता बर पाश्र्र्वनाथ जैन मंदिर से कोर्ट रोड़, अस्पताल रोड़, कस्टमगेट, सदर बाजार, गांधी चौक, माधव चौक पर उनके दीक्षा जुलूस को देखने और स्वागत करने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस अवसर पर जैन धर्म की प्राचीन परंपरा वर्षीदान का पालन करते हुए पूरे रास्ते रूपए, सिक्के, चांदी के कलदार, मेवा और अन्य सांसारिक वस्तुयें दीक्षार्थी बहिन नीलम ने लुटाई। 

दीक्षार्थी द्वारा दिए गए इस दान को बड़ा पवित्र माना जाता है। रास्ते में अनेक स्थानों पर दीक्षा जुलूस का जोरदार स्वागत हुआ। कहीं मेवों से तो कहीं गर्र्मागर्र्म दूध से नागरिकों ने नीलम की दीक्षा का अनुमोदन किया। इस अवसर पर जुलूस में शामिल लोगों की कई स्थानों पर संघ पूजा भी हुई।

पाश्र्वनाथ श्वेता बर जैन मंदिर से शाही दीक्षा जुलूस सुबह 9:30 बजे गाजे बाजों के साथ प्रारंभ हुआ। जैन मंदिर पर त्रिलोकचंद-प्रदीप कुमार कास्टया परिवार ने दीक्षार्थी बहिन का स मान और अभिनंदन किया तथा जुलूस में शामिल लोगों की संघ पूजा की। जुलूस में उत्साह इतना अधिक था कि पूरे रास्ते दीक्षार्थी बहिन नीलम अमर रहे और जैन धर्म की जय-जयकार के नारे लगते रहे।

रास्ते में स्थान-स्थान पर युवा लोगों ने नाच गाकर अपने हर्ष को अभिव्यक्त किया। रथ पर सवार दीक्षार्थी बहिन नीलम ने श्वेता बर मंदिर से ही बड़े-बड़े विशाल भगौने में रखे पैसे रूपए चांदी, सामान, मेवा आदि को दोनों हाथों से लुटाना शुरू कर दिया। जिसे लूटने की होड़ लग गई। रास्ते में घरो की छतों पर भी दीक्षार्थी बहिन के दीक्षा जुलूस को देखने लोग खड़े थे उन तक खड़े होकर नीलम ने वर्षीदान किया। अस्पताल रोड़ पर सकलेचा परिवार ने नीलम बहिन का तिलक लगाकर माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया वहीं जुलूस में शामिल लोगों को गर्र्मागर्म दूध पिलाया। 

सदर बाजार में सूरज प्रकाश-ओमप्रकाश जैन ने स्वागत करते हुए कॉफी का वितरण किया। सदर बाजार में मंगलम के उपाध्यक्ष अशोक कोचेटा के निवास स्थान पर उनके बड़े भाई हर्र्षवर्धन, सुमित कोचेटा अशोक कोचेटा ने सपत्निक वैराग्य धारण करने वाली नीलम का तिलक लगाकर और माला पहनाकर स्वागत किया और उनकी चरण वंदना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। 

इस दौरान उनके निवास स्थान पर मेवा युक्त केशरिया दूध का वितरण कर जुलूस में शामिल जैन बन्धुओं को तिलकर लगाकर नगद उपहार दिए। इसके बाद सांखला परिवार ने स्वागत का लाभ उठाया। माधव चौक पर संजय लूनावत, राजेश कोचेटा, राजकुमार श्रीमाल ने दीक्षा जुलूस का स्वागत करते हुए पलक पावड़े विछाकर दीक्षार्थी बहिन का स मान किया। जैन समाज के अलावा जैनेतर समाज के सैकड़ों लोगों में दीक्षार्थी बहिन के स्वागत की होड़ लग गई। 

आराधना भवन में दीक्षार्थी बहिन का हुआ समान
दीक्षा जुलूस के बाद धर्मसभा आराधना भवन में आयोजित हुई जहां श्वेता बर मूर्ति पूजक,श्वेता बर स्थानक वासी समाज तथा दिग बर जैन समाज ने दीक्षार्थी बहिन नीलम का स मान किया। इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में श्वेता बर मूर्ति पूजक समाज के अध्यक्ष दशरथमल सांखला, स्थानक वासी समाज के अध्यक्ष राजेश कोचेटा, मंगलम के उपाध्यक्ष अशोक कोचेटा ने बहिन नीलम के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि वह बहुत मेघा संपन्न और हृदय की उदारता से परिपूर्ण है। वह न केवल आत्मकल्याण करेंगी बल्कि समाज के कल्याण में भी अपनी अग्रणी भूमिका का निर्र्वहन करेंगी। कार्र्यक्रम का संचालन दीपेश सांखला ने किया। 

शिवपुरी से गहरा नाता है नीलम बहिन का
32 वर्षीय नीलम कविन्द्र चौरडिय़ा का शिवपुरी से गहरा नाता है। उनकी माँ ऊषा चौरडिय़ा जिन्हें प्रेम से कोको जीजी कहकर पुकारा जाता है, उनका मायका शिवपुरी में है। शिवपुरी के बालशिक्षा निकेतन में कक्षा 3 तक नीलम पढ़ी है। मंगलम के उपाध्यक्ष अशोक कोचेटा की नीलम बहिन भांजी है। उनके दीक्षा लेने के संकल्प से शिवपुरी का समूचा जैन समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है।