मेरा ससुर मुझे शराब पिलाता है, मना किया तो पति ने तलाक दे दिया

शिवपुरी। दो मासूम बच्चों की मां और मात्र 24 वर्ष की आयु में ज्योति कौर को जो कुछ भोगना पड़ रहा है वो साक्षात नर्क से कम नहीं है। उसने सीएम को लिखी एक चिट्ठी में बताया है कि उसका पति उससे दहेज मांगता है, ससुर शराब पिलाकर अपनी गोद में बिठा लेता है और जब विरोध किया तो पति ने धोखे से तलाक पेपर्स पर हस्ताक्षर करवा लिए। 

ज्योति कौर ने न्याय की मांग की है। उसका कहना है कि उसके बच्चे मासूम हैं, फिर भी उसे घर से बेदखल कर दिया गया है, गुजारा भी नहीं मिल रहा है और पांच लाख रुपए दहेज व ससुर के साथ संबंध बनाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उसने यह भी बताया है कि स्थानीय पुलिस थाने और एसपी को भी उसे कई बार निवेदन किया। महिला हेल्पलाइन 1090 पर भी अपनी कहानी सुनाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। 

हम यहां सीएम के नाम लिखी उसकी कहानी को यथावत प्रकाशित कर रहे हैं आप भी पढ़िए क्या कुछ लिखा है इस अभागी ज्योति ने :-


महोदय,

प्रार्थीया की ओर से न्याय की गुहार हेतु श्रीमान की सेवा में आवेदन निम्न प्रकार प्रस्तुत है

01. यह कि प्रार्थीया एक अल्प शिक्षित महिला है प्रार्थीया का जन्म चिरैया कोट जिला महू उ.प्र. में हुआ था जन्म के कुछ समय पश्चात प्रार्थीया के पिता का देहांत हो गया तथा पारिवारिक समझाईशों के कारण मॉं ने दूसरा विवाह कर लिया। प्रार्थीया अपने मामा मामी के घर पर पली व बड़ी हुई।

2. यह कि प्रार्थीया का पति कॅंबलजीत भदोही में प्रार्थिया के मामा के साथ भागीदारी में कपड़े का काम करता था एक दिन प्रार्थीया के ससुर गुरूवचन सिंह ने प्रार्थीया के साथ अपने पुत्र कंबलजीत सिंह से विवाह करने का प्रस्ताव रखा तथा दहेज में कुछ ना लेने को कहा जिससे तैयार होकर प्रार्थीया का विवाह कंबलजीत सिंह के साथ संपन्न हुआ।

3. यह कि विवाह के कुछ समय लगभग एक वर्ष तक प्रार्थीय अपने पति के साथ रही किन्तु बाद में भागीदारी में कारोबार से अधिक आय न होने के कारण प्रार्थीया के पति ने वह काम छोड़ दिया तथा बाद में अपनी लुहारपुरा पुलिया गुरूद्वारा रोड स्थित अपनी निजी कपड़े की दुकान पर कार्य करने लगा तथा प्रार्थीया भी अपनी दुकान के ऊपर स्थित निवास में मय सास ससुसर जेठ जिठानी व पति के साथ संयुक्त परिवार में निवास करने लगी उसके बाद पति कहने लगा कि मेरे पिता मुझसे दुकान में काम तो पूरा लेते है किन्तु आय कम है तुम अपने मायके से पांच लाख रूपये लेकर आओ मैं दूसरा व्यवसाय करूंगा। 

जब प्रार्थीया ने अपनी पारिवारिक स्थिति का हवाला दिया और कहा कि मेरे असल पिता तो गुजर गये है और मॉं ने दूसरी गृहस्थी बसा ली है जिसमें नये पति से और भी सौतले बच्चे है वो यह मांग पूरी नहीं कर सकते, यह सुनकर प्रार्थिया का पति भड़क उठा और बोला मेरे बाप ने मेरी किस्मत फोड़ दी तेरी जैसी लड़की से मेरी शादी करा दी, दहेज में कुछ नगद तो मिला नहीं जो सामान मिला वह भी पुराना हो चुका है अन्यथा कोई अन्य व्यवसाय तो कर लेता। 

प्रार्थीया के साथ पति की इस प्रकार ताने देने व शराब पीकर मारपीट करने की हरकतें बढ़ती गई प्रार्थीया ने अपने ससुर व जेठों से व सास को यह बात बताई तो सास ने पति को सुधरने हेतु डांटा पर ससुर व जेठों ने यह कहा कि हमें यह तो मालूम नहीं था कि तुम्हारे मायके वाले कुछ नहीं देंगें, नहीं तो विवाह ही नहीं करते तुम अपने मायके वालों से पूछ लो कि कंबलजीत की कुछ मदद कर सकते हो तो ठीक है अन्यथा हम तो अपने लड़के की दूसरी शादी कर देंगें, वैसे भी तुमने हमारे परिवार को परिवार का वारिश तक तो दिया नहीं दो लड़की पैदा कर दी, इनको हम क्या अपने सिर से मारेंगें। इस प्रकार प्रार्थिया के साथ दहेज की मांग को लेकर मारपीट करना गाली गलौज करना व ताने देना एक आम बात हो गई। प्रार्थीया ने अपनी मॉं को बताया तो प्रार्थीया के माता-पिता के समझाने भी कोई सुधार नहीं हुआ और प्रार्थिया यह सोचती रही कि आज नहीं तो कल बदलाव आयेगा किन्तु कोई सुधार नहीं आया। 

4. यह कि संयुक्त परिवार में निवासरत होने के दौरान प्रार्थिया के ससुर का बर्ताव प्रार्थीया के साथ ठीक नहीं रहा। प्रार्थिया का ससुर प्रार्थिया के साथ अश्लील हरकतें करने लगा, आए दिन कभी किसी बात पर पीठ पर हाथ फेंरते हुए कमर तक ले जाना, हाथों को चूम लेना, मेरी हथेलियों को दांतों से हल्के से काट लेना, नहाने के बाद बाथरूम से निकलते ही टकरा जाना, अकेले में पीने का पानी मंगाना और हाथ पकड़कर गोद में बिठा लेना, शराब पीने के लिए कहना, किन्तु मना करने पर कहता था कि ये तो हमारी शान है ऐसे दबाब के चलते मुझे कई बार अनिच्छा के बाबजूद भी शराब पीना पड़ी। 

प्रार्थिया ने कई बार विरोध प्रकट किया तथा समझाने का प्रयास किया आप तो पिता समान है परन्तु ससुर को कोई बात समझ नहीं आई और वह प्रार्थिया के अबला होने का गलत फायदा उठाता रहा। इस संबंध में प्रार्थिया ने अपनी सास को भी यह सारी बातों से अवगत कराया तो सास और ससुर में झगड़ा भी हुआ, इसके बाद भी ससुर नहीं माना, तब सास ने कहा कि तुम बचकर रहा करो, तुम यह बात कंबलजीत से कहो प्रार्थिया ने जब यह बात अपने पति को बताई तो उसने प्रार्थिया के साथ मारपीट की और मुझे अश्लील गालियां देने लगा, और कहता है कि तू मेरे पिता को बदनाम करती है तू इस घर में रहने लायक नहीं है निकल जा यह कहकर प्रार्थिया को अपनी संयुक्त गृहस्थी से निकाल दिया और अपने वीर सावरकर कॉलोनी स्थित दूसरे मकान में रहने के लिये दोनों छोटी बच्चियों के साथ भेज दिया और प्रार्थिया से मायके चले जाने की बात कहने लगे तथा पांच लाख रूपये की मांग करते थे असमर्थता जताने पर मारपीट करते थे, खाने-पीने का सामान नहीं देते थे। 

उस मकान पर मैं रात को भी अपनी बच्चियों के साथ अकेली ही रहती थी जबकि पति अपने लुहारपुरा स्थित पुराने मकान में संयुक्त गृहस्थी में ही रहता था मेरे कहने के बाद भी पति मेरे साथ नहीं रहता था, इतना ही नहीं उसने धीरे-धीरे यह कहना शुरू कर दिया कि तुम तो दूसरे मर्दों की संगत करने लगी हो तथा मैंने जब पुन: पुराने मकान में संयुक्त गृहस्थी में बच्चों को लेकर पहुंची तो मुझे बैरंग लौटा दिया गया और कहा कि अब तुम हमारे साथ नहीं रह सकती तुम्हें तो हम तलाक देकर भगा देंगें।

5. यह कि मुझ प्रार्थिया को प्रार्थिया व बच्चों के भविष्य के लिए मकान व प्लाट की व्यवस्था कराने का आश्वासन देकर व अपने विश्वास में लेकर योजनाबद्ध तरीके से ससुर गुरूवचन सिंह व पति कंबलजीत सिंह  ने प्रार्थिया से कपटपूर्वक दिनांक ०5/०8/12 को एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करा लिये थे, जिसमें गवाहों को भी प्रार्थिया नहीं पहचानती कि गवाह कौन व्यक्ति है उक्त समझौता पत्र का उद्देश्य तलाक का आधार तैयार करना था जिससे प्रार्थया पूर्णत: अनभिज्ञ थी। 

6. यह कि कपटपूर्वक समझौता पत्र तैयार करा लेने के बाद पुन: आरोपीगण ने अपना पहले जैसा रवैया अपना लिया तथा प्रार्थिया उसकी दोनों बच्चियों को खाने पीने का प्रबंध न करना प्रार्थिया को दुष्चरित्र कहना गाली-गलौज मारपीट करना व घर खाली करने को विवश करना आदि एक आम बात हो चुकी थी।

7. यह कि विवश होकर प्रार्थिया ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से भरण पोषण हेतु दिनांक 19/11/2०12  को रजिस्टर्ड डाक के जरिये एक नोटिस भी दिया।

8. यह कि आरोपीगण के विरूद्ध प्रार्थिया ने थाना देहात शिवपुरी में जाकर भी आरोपीगण द्वारा प्रताडित किये जाने व दहेज की मांग करने व ससुर गुरूवचन सिंह द्वारा प्रार्थिया की लज्जा भंग करने के आशय से किये गये हमलों व भरण-पोषण न देने की शिकायत करने थाना देहात शिवपुरी पहुंची तो उसे दुत्कार कर भगा दिया गया। उसके बाद पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को भी दिनांक 22/11/2०12 को लिखित में शिकायत की किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई।

9. यह कि प्रार्थिया द्वारा न्याय के लिए सक्षम अधिकारियों के पास पहुंचने की भनक जैसे ही आरोपीगणों को लगी त्यों ही आरोपीगण द्वारा प्रार्थिया को ही कपटपूर्वक आधारों पर तैयार कराए गए दस्तावेजों एवं असत्य व भ्रामक आधारों पर कानूनी प्रक्रियाओं में योजनाबद्ध रूप से उलझाकर क्षति कारित करने का प्रक्रम शुरू कर दिया गया।

1०. यह कि प्रार्थिया के विरूद्ध तलाक का दावा न्यायालय में लगाया गया, जिसमें प्रार्थिया की तारीख पेशी माननीय न्यायालय के समक्ष दिनांक 2/1/2०13 को नियत थी जब प्रार्थिया न्यायालय के समक्ष पेशी हेतु गई तब आरोपीगण उसके वीर सावरकर कॉलोनी स्थित निवास पर वापस पहुंची तो ससुर गुरूवचन सिंह, जेठ टिंका एवं जिठानी रज्जी व पति कंवलजीत सिंह द्वारा प्रार्थिया की एक राय होकर लात-घूसों से पिटाई कर दी गई और पति द्वारा कहा गया कि यदि मैं तलाक लेकर मायके नहीं गई तो जान से मार डालेंगें। जिसकी शिकायत देहात थाना शिवपुरी में की गई किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई, उसके बाद दिनांक 3 जनवरी 13 को पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को भी लिखित शिकायत की गई किन्तु पुलिस अधीक्षक द्वारा भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। 

इसी दौरान दिनांक 6 जनवरी 13 को प्रात: साढ़े 11 बजे उक्त सभी आरोपीगण प्रार्थिया के वीर सावरकर कॉलोनी स्थित निवास पर आये तथा जबरन चैनल गेट का ताला तोड़ दिया और पुन: लात घूसों से मारपीट कर कहा गया कि तेरा हमसे अब कोई संबंध नहीं है।

11. यह कि प्रार्थिया के साथ बार-बार हो रहे हमलों तथा घरेलू हिंसा के संबंध में प्रार्थिया ने समय-समय पर संबंधित पुलिस थाने तथा जिला पुलिस मुख्यालय एवं महिला सेल के टोल फ्री नं. 1०9० पर शिकायतें की किन्तु प्रार्थिया की शिकायतों पर राजनैतिक दबाब के चलते और अवैधानिक लाभ प्राप्त कर आरोपीगण के विरूद्ध तो कोई कार्यवाही नहीं की गई अपितु प्रार्थिया के विरूद्ध धारा 1०7,116 जा.फो. के तहत पुलिस थाना देहात ने कार्यवाही करते हुए अपशब्द कहे गये जिसके अनुक्रम में धारा 111 जा.फौ. के तहत 5 हजार रूपये का बंध पत्र निष्पादित किया गया।

12. यह कि उक्त समस्त प्रकरण जो आपके संज्ञान में लिया गया है जिससे स्वत: स्पष्ट है कि जहां एक ओर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर केन्द्र और राज्य सरकारें संजीदा है वहीं जिला स्तर पर पुलिस प्रशासन और सक्षम प्राधिकारी संवेदनाशून्य हो गये हैं। एक साधनहीन अबला स्त्री द्वारा समस्त संबंधित अधिकारियों से गुहार किये जाने के बाद भी प्रशासन प्रार्थिया व उसकी दो मासूम बेटियों के साथ किसी बड़े अपराध के घटित होने का इंतजार कर रहा है। खास तौर पर जहां म.प्र. के मुख्यमंत्री का बेटी बचाने पर ध्यान है वहीं म.प्र. के संदर्भ में यह प्रकरण निश्चित ही चौंकाने वाला है। 

अत: श्रीमान से निवेदन है कि उक्त प्रकरण के परिप्रेक्ष्य में गंभीरता लिया जाकर आरोपीगण के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की जाकर प्रार्थिया को सुरक्षा एवं न्याय दिलाये जाने का बंदोबस्त किया जाये जिससे कोई बड़ी आपराधिक घटना होने से पूर्व ही टाला जा सके, यदि ऐसा किया गया और प्रार्थिया को जान-माल और प्रतिष्ठा की किसी भी प्रकार की कोई हानि होती है तो आरोपीगण एवं जिला प्रशासन पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगें। 

प्रार्थिया

श्रीमती ज्योति कौर पत्नि कंवलजीत सिंह 

निवासी-वीर सावरकर कॉलोनी, शिवपुरी