
फूस का माह, शादी ब्रेक, बोनी को तरसता कपड़ा बाजार
शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने कपडे के व्यवसाय का सर्वे किया तो व्यापारियों ने कहा कि अभी तक नोटबंदी के बाद लगातार शादियों का सीजन चल रहा था। लेकिन शादियों के सीजन भी पिछले साल जैसा नही रहा है। जिसे बहुत ही आवश्यकता थी वह कपडे खरीद रहा था।
अब फूस का महीना चल रहा है,शादियों पर ब्रेक लग गया है। थोड़ा बहुत ही ग्राहकी हो रही है। अभी मार्केट में कैश की किल्लत बनी हुई है। इस कारण अब तो बोनी हो जाए तो बड़ी बात नही है।
दूल्हे के भाइयो ने पहने पुराने जूते
कुछ ऐसा ही हाल चप्पल व्यवसाय का रहा है। शादी सीजन में इस बार पहली बार देखने को मिल रहा है कि जिस घर में शादी है वह सिर्फ दूल्हे ने ही नए जूते खरीदें है। घारती और बारातियों ने पूराने जूते पहनकर ही काम चलाया है।
नोटबंदी के कारण इस समय मुश्किल से बोनी हो रही है। फुटवेयर व्यवसाईयो ने बताया कि आने वाले समय में केश की किल्लत बनी रही रहेगी और हम व्यवसाई ग्राहाको को तरसते रहेगें।
समान तो चैक से मिल सकता है परन्तु लेबर...
इस नोटबंदी में मोदी सरकार चाहे गरीबो के हित की बात करे परन्तु धरातल पर मजदूरो की हालात गर्त में है। नोटबंदी में लेबर से सबंधित 70 प्रतिशत काम बंद हो चुके है। शिवपुरी में बिंल्डिग़ मटेरियल का बाजार सदमे में आ गया है।
शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने बिल्डिग़ मटेरियल से संबधित से सीमेंट,सरिया,ईट,गिट्टी-रेता और सैनेटरी व्यवसाईयो से चर्चा की तो उन्होने सभी ने बताया कि ग्राहक हमे पेमेंट चैक से कर सकता है लेकिन मजदूरो को कहां से देगा। इस कारण शहर के अधिकांश कंन्ट्रेक्शन बंद हो चुके है नोट की चोट सबसे ज्यादा इसी व्यवसाय को हुई है।
शादी बंद तो दहेज बंद
इसी प्रकार ऑटो सेक्टर का बाजार भी औधें मुह गिर गया है। शादी के सीजन में उन्ही ने गाडिय़ा खरीदी है जिन्है दहेज में देना था। इसके आलावा 10 प्रतिशत ही गाडिय़ा बिकी है। अब शादी बंद हो चुकी है और दहेज भी। अब आगे क्या होता है कह नही सकते,इसी प्रकार बैंको से चालू करेंसी नही निकली तो ऑटो सेक्टर की हवा निकल जाऐगी। शोरूमो के खर्चे और कर्मचरियों की वेतन निकलना भी मुश्किल हो जाऐगा।
स्वाद के संसार पर भी भारी रही है नोटबंदी
किराना व्यवसाईयो ने अपनी चर्चा में बताया की नोटबंदी में दाल बिकना मुश्किल हो गया है। पहले तो मंहगी हो गई है। कैश की किल्लत लगातार बनी है,किसानो की माल सस्ता है तो लोग सब्जियों से काम चला रहे है। कुल मिलाकर बाजार में ग्राहक कम आ रहा है ज्यादा आवश्कता का किराना ही खरीद रहा है।
इसी प्रकार होटल के व्यवसाईयो को कहना है कि कमरे खाली चल रहे है। व्यापार कम है तो व्यापारी और कंपनी के सेल्स ऑफिसर कम आ रहे है। होटलो में भी लोग ााना खाने फैमिली कम ही आ रही है। केवल वही लोग खाना खाने आ रहे है जो अपने घर से दूर है।
ब्यूटी बाजार को भी नोटबंदी की लगी नजर
भारत को ब्यूटी बाजार ऐसा है कि चाहे कुछ भी हो इस बाजार पर कभी भी असर नही पडा है। परन्तु इस नोटबंदी में ब्यूटी बाजार को भी ग्रहण लग गया है। इस मार्केट में ग्राहक कम ही आ रहे है। ब्यूटी पार्लरो संचालिकाओ का कहना है कि शादी सीजन में थोडा सा धंधा था अब तो कुछ नही है। नोटबंदी में महिलाओ ने सजना सवांरना भी छोड दिया है।