फिर लटका दिया प्रदेश सरकार ने शिवपुरी का मेडिकल कॉलेज

शिवपुरी। भोपाल से प्रदेश सरकार के अधिकाारियों के हवाले से एक खबर आ रही है कि प्रदेश के 5 मेडिक़ल कॉलेजो का शिक्षण सत्र 2018-19 से शुरू हो जाऐगा। बताया जा रहा है कि इन कॉलेजो के शुरू होते ही मप्र में 700 मेडिक़ल सीटो का ईजाफा हो जाऐगा। लेकिन शिवपुरी और छिंदवाडा के मेडिकल कॉलेजो के शिक्षण सत्र कब शुरू होगा यह तो भगवान ही जाने। विदित हो इन मेडिक़ल कॉलेजो मेे से 2 मेडिक़ल कॉलेज ऐसे है जो शिवुपरी के मेडिक़ल स्वीकृत होने के बाद हुए है। 

लोकसभा चुनावों से पहले तत्कालीन ऊर्जा राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को लाकर इस मेडिकल कॉलेज की घोषणा करवाई थी। इसके बाद पुरानी शिवपुरी में इसका शिलान्यास श्री सिंधिया द्वारा किया गया। शिवुपरी का मेडिकल कॉलेज पिछले लोकसभा में चुनावी मुद्दा बनाया गया और भारत के प्रधानमंत्री के साथ प्रदेश के सीएम स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्राए प्रभारी मंत्री कुसुम मेहदेले ने यह प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज यह कहकर खारिज कर दिया था कि एक कागज के एक टुकडे पर कॉलेज नही बनता है।

अब खबर आ रही है कि चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि शहडोल, विदिशा, रतलाम, खंडवा और दतिया में मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग बनाने का काम तेजी से चल रहा है। अगले साल तक बिल्डिंग पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। इसके लिए स्टाफ की भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है। 

ऐसे में 2018-19 के सत्र से मेडिकल कॉलेज शुरू करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। इन कॉलेजों के लिए डीन की नियुक्ति हो गई है। फैकल्टी की भर्ती प्रक्रिया अगले साल शुरू होगी। बता दें कि शहडोल और विदिशा कॉलेज में एमबीबीएस की 150-150 सीटें और बाकी तीन कॉलेजों में 100-100 सीटें हैं। छिंदवाड़ा और शिवपुरी में कॉलेज निर्माण के लिए भारत सरकार से एमओयू देरी से हुआ, इसलिए ये कॉलेज 2020 के सत्र तक शुरू हो पाएंगे।

कुल मिलाकर शिवुपरी के मेडिक़ल कॉलेज को प्रदेश की भाजपा की सरकार किसी न किसी तरह लटकाना चाहती है। शिवुपरी के इस कॉलेज को अपने अस्तिव की एक लंबी लड़ाई लडऩी पड़ी थी। भाजपा सरकार कभी नही चाहती थी कि सासंद सिंधिया द्वारा स्वीकृत यह मेडिक़ल कॉलेज कभी शिवुपरी में खुले। अभी फिलहाल की स्थिती में इस कॉलेज के पास सिर्फ जमीन के अतिरिक्त कुछ नही है।