
बताया जा रहा है की आज भी नायब साहब की दौड़ लगातार रेत से भरे डंपरो और बजरी से भरे टे्रक्टरो के पीछे जारी है। आए दिन सुबह शाम उन्हे शासकीय वाहन से डंपरो और ट्रेक्टरो के पीछे अकेले आसानी से देखा जा सकता है।
फिलहाल हम नई चर्चित घटना पर आते है। जैसा की ज्ञात हो कोलारस तहसीलदार का पद इस समय रिक्त पड़ा हुआ है। और तहसीलदार का प्रभार नायब तहसीलदार धीरज परिहार संभाल रहे है। और तहसीलदार के लिए अनुवंधित वाहन क्रमांक एमपी 33 टी 0509 जो शासकीय रेट पर कोलारस तहसीलदार के लिए अनुवंधित है वाहन भी नायब तहसीलदार धीरज परिहार के पास है।
जिसकी तय राशी हर महीने के हिसाब से वाहन मालिक को शासकीय फंड में से वाहन किराये के रूप में दी जाती है। और वाहन में खर्च होने वाले डीजल का खर्च भी शासन द्वारा ही सरकारी खजाने से उपलब्ध कराया जाता है। जिसके चलते शासकीय अनुवंधित वाहन और उसमें खर्च होने वाले डीजल का उपयोग सिर्फ शासकीय कार्य के लिए ही खर्च कर सकता है।
निजी कार्यो के लिए शासकीय अनुवंधित वाहन का प्रयोग अधिकारी अपने निजी उपयोग के खर्च नही कर सकता है। लेकिन कोलारस के प्रभारी तहसीलदार नायब तहसीलदार धीरज परिहार आए दिन शासकीय वाहन को अपने निज निवास शिवपुरी लेकर जाते है। और सुबह ऑफिस टाईम पर वाहन को वापस लाया जाता है।
उनकी गाड़ी रोज सुबह नौ बजे से 10 बजे के बीज शिवपुरी से कोलारस की और आती अक्सर देखी जा सकती है। और देर शाम छ: से सात बजे के बीच कोलारस से शिवपुरी की और जाती आसानी से देखी जा सकती है। ज्ञात हो की कोलारस के नायब तहसीलदार और प्रभारी तहसीलदार धीरज परिहार को कोलारस में शासन द्वारा कोठी भी रेल्वे स्टेशन रोड पर आंवंटित है।
बताया जाता है नायब तहसीलदार का परिवार शिवपुरी रहता है। जिसके चलते वह रोज शिवपुरी से कोलारस रोज अपने कार्य के लिए आते जाते है। नायब तहसीलदार धीरज परिहार का कोलारस में नही रहने और वाहन न होने से अक्सर कई समस्याओ का सामना करना पड़ता है। जैसे रात में कोई बस हादसा, ट्रेन हादसा, या आत्महत्या जैसी कोई घटना घठित हो जाती है। तो शिवपुरी से नायाब तहसीलदार कितने समय में हादसे की जगह पहुंच पांऐंगे।
कोलारस नगर से अगर कोई आरआई या अन्य भी देर रात कही हादसे वाली जगह जाना चाहे तो वह भी बिना वाहन के कैसे मौके पर पहुंच चाएगा क्यूं की वाहन तो आए दिन नायाब तहसीलदार धीरज परिहार अपने निज निवास पर शिवपुरी लेकर जाते है। जिसमें कार्य बाधित होने के साथ ही शासकीय फंड को भी छति पहुंच रही है।