कोलारस उपचुनाव: सीएम के बयान से भाजपा के नेताओ में छाई मायूसी

अजय राज सक्सैना/शिवपुरी। कोलारस के विधायक राम सिंह यादव के दुखद निधन के बाद कोलारस में उपचुनाव होना है। इस कारण कोलारस विधानसभा और जिले में राजनितिक हलचल तेज हो गई है। प्रदेश मेें होने वाले आम चुनावों से ठीक पहले होने वाला यह चुनाव प्रदेश में आगे होने वाली सीएम की बनती बिगडी तस्वीर पेश कर सकता है। प्रदेश के सीएम शिवराजसिंह चौहान ने भोपाल से जारी हुए एक प्रेस बयान में कहा कि वह मुंगावली व कोलारस के उपचुनावों में ज्यादा चुनावी सभा नहीं करेंगे यह चुनाव कार्यकर्ताओं को ही देखना है। शिवराज सिंह के इस बयान के बाद कोलारस में सीएम के सहारे अपनी चुनावी नैया को पार लगाने वाले टिकिट के दावेदारो के चेहरो पर उदासी छा गई है।

भाजपाईयो का कहना है कि यह फैसला प्रदेश के आम चुनावो को देखते हुए लिया है। जारी बयान में शिवराज ने कहा कि जिस पोलिंग बूथ से बीजेपी हारेगी उस कार्यकर्ता का पार्टी से पत्ता साफ कर दिया जाएगा। सीएम ने साफ कहा कि चुनाव में हमें सबसे ज्यादा बूथ और सेक्टर पर फोकस रखना है। सीएम ने यह भी कहा कि नेताओं को बूथ की जिम्मेदारी दी जाए और वहां मिले मतों के आधार पर ही उनके काम का आंकलन किया जाएगा। सीएम ने कहा कि वह विकास कार्य को लेकर चुनाव मैदान में जाएंगे।  

भाजपाई कह रहे है कि हमारा प्रत्याशी नही एक आम कार्यकर्ता पोलिंग से चुनाव लडता है। तो वही कांग्रेसियो का कहना है कि कोलारस के उपचुनाव ही नही पूरे प्रेदश में भाजपा के खिलाफ महौल बना रहा है। यह मुकाबला हमारे सांसद और प्रदेश के सीएम के बीच होना है। वह अभी से मैदान छोड कर भाग रहे है। 

वही राजनीतिक पंडितो का कहना है कि कोलारस में किसानो की उपज के घटते दामो से भाजपा संकट में है। इस चुनाव में अगर कांग्रेस विजयी होती है तो ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद बड जाऐगा। और भविष्य में कांग्रेस की ओर से सीएम प्रोजक्ट हो सकते है। अगर भाजपा चुनाव हार जाती है तो सीएम के खिलाफ उनके विरोधी एक बडा महौल खडा कर सकते है। ओर कह सकते है कि अपने शासन में उपचुनाव हार रहे है तो आम चुनावो में क्या होगा। 

सिंधिया सब पर भारी
उपचुनावों को लेकर जहां भाजपा के मुख्यमंत्री से लेकर कई दिग्गज नेता जीत के लिए रणनीति बना रहे हैं वहीं कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया का वन मैन शो चल रहा है। वह अकेले ही दोनों जगह होने वाले उपचुनावों का काम देख रहे हैं और अपनी ही दम पर दोनों ही सीटें कांग्रेस के खाते में डालने का मद्दा रखते हैं।