
जानकारी के अनुसार पार्षद आकाश शर्मा एवं इस्माईल खांन ने नगर पालिका सीएमओ रणवीर कुमार से स्टोर में रखी लाईटों के बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने न नुकुर करते हुए कहा कि अभी स्टोर प्रभारी नहीं है, लेकिन जब उन्होंने इस मामले को गं ाीरता से लिया और कि कहा कि स्टोर प्रभारी नहीं है तो क्या आप स्टोर का निरीक्षण नहीं कर सकते हैं।
जिस पर सभी मिडिया कर्मियों को साथ लेकर सीएमओ रणवीर कुमार ने स्टोर स्टोर रूम में पहुंचे और उसका निरीक्षण किया तो उसमें एक भी स्ट्रीट लाईट नहीं थी उनके स्थान पर स्ट्रीट लाईट की चौकें तो स्टोर रूम में रखी पाई गई लेकिन स्ट्रीट लाईट नहीं थी।
इसको लेकर सीएमओ स्टोर प्रभारी एके वर्मा से इस पूरे मामले जानकारी मांगी और स्टोर तत्काल सील करा दिया गया। जबकि पूर्व में 4 करोड़ रूपए की स्ट्रीट लाईट खरीदी मामले में की शिकायत पूर्व में भाजपा के स्थानीय पार्षदों ने उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से की थी।
जिसको मंत्री जी गं ाीरता से लेते हुए इस पूरे मामले की जांच एडीएम श्रीमती नीतू माथुर को दी थी और इसकी जांच अ ाी ाी जारी है। अब देखना यह है कि इस लाईट घोटाले में संबंधित अधिकारियों को खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।
स्टोर रूम में धूल खा रही है दो करोड़ रूपए की एलईडी लाईट
शहर में स्ट्रीट लाईट की जगह एलईडी लाईट लगाकर प्रकाश की व्यवस्था बनाने की दृष्टि से करोड़ों रूपए की नगर पालिका प्रशासन ने एलईडी लाईट खरीदी थी। जिन लाईटों की कंपनी द्वारा गारंटी भी दी गई थी लेकिन वह समय से पूर्व ही खराब हो गई।
जिनको नपा प्रशासन ख बों से उतरबा कर दूसरी स्ट्रीट लाईट खरीद कर तो लगवा दी गई लेकिन उनको ठीक कराने का प्रयास नहीं किया। जबकि नगर पालिका के स्टोर रूप में तो रख दिया गया लेकिन उन्हें बदलवाने की जहमत तक नहीं उठाई। जिससे साफ सिद्ध होता है कि नगर पालिका के पैसे का दुरूपयोग किया जा रहा है।