गोल्डन सैंड के काला कारोबार: वन चौकी-पुलिस चौकी और थानो के आगे से कैसे निकल जाते है यह रेत के डंफर

शिवपुरी। गोल्डन सैंड कही जाने वाली रेत का काला कारोबार थमने का नाम नही ले रहा है। इस काले कारोबार में वन,मायनिंग और पुलिस विभाग पूरी तरह से लिप्त नजर आ रहा है। अकेले करैरा अनुविभाग में प्रतिदिन 50 से 60 डंफर अवैध उत्खन्न और परिवहन की खबरे आ रही है। 

महत्वपूर्ण बात यह है कि यह अवैध कारोबार नंदपुर की रायल्टी पर हो रहा है जबकि नदपुर एवं कल्याणपुर की दुरी 50 किमी है दोनों विपरीत दिशा में है। शासन द्वारा स्वीकृत नंदपुर खदान में रेत अब नाम मात्र की भी नहीं है फिर कैसे इस खदान के नाम से रेत की रायल्टी काटी जा रही है। 

गोलडन सैंड के इस काले कारोबार में माईनिंग,वन वि ााग और पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मिले हुए है। अगर मिले नही होते तो  सुनारी पुलिस चौकी, सोनचिरिया अ यारण्य चौकी, करही चौकी एवं फिर करैरा थाना होते हुए कैसे निकल जाते है। और माइनिंग विभाग को पूर्ण जानकारी है कि जहां की यह रायल्टी काटी जा रही है वहां एक भी दाना रेत का नही है। 

उल्लेखनीय है कि पत्रकारों के पहल पर अभी कलेक्टर एवं एस पी के निर्देश पर सीहोर में प्रशासन ने छापा मार कार्यवाई कर 18 डंफर जप्त कर रेत के अवैध परिवहन की पोल खोल दी। इसके बाद ग्राम सोन्हर में एक एल ऐन टी जप्त भी की गयी। कठेंगरा में तीन डंफर पकडे गए जबकि एल अन टी मशीन भाग गयी। सूत्रों की माने तो यह मशीन भगाई गयी थी। 

स्थानीय स्तर पर पदस्थ अधिकारी इस गोल्डन के काले कारोबार में अपना ईमान भी काला कर रहे है। कुछ स्थानीय लोगो ईतने बड़े स्तर पर हो रहे अवैध खनन के खिलाफ उच्च न्यायालय में बिगड़ते पर्यावरण को लेकर याचिका दायर करने का मन बना लिया है। साथ ही इनके द्वारा प्रदेश के मु यमंत्री से स्थानीय लोगो ने पत्र भेजकर उक्त अवैध उत्खनन पर शिकंजा कसने तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग की है।