
वहीं अगर देखा जाए तो सामाजिक लोगों को भी नगर पालिका में उपकृत किया जा रहा है। कई जगह तो कर्मचारियों की दो-दो स्थानों पर नियुक्ति की गई है। जबकि पार्षद कई बार शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती, लेकिन जैसे ही परिषद में रखी टेंट, शामियाना और बिजली की फाइल मंजूरी के लिए आई तो नपा उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नी ने कहा कि देखो परिषद में बैठे महानुभावों नगर पालिका में एक वर्ष में 52 लाख के करीब टेंट का भुगतान नगर पालिका द्वारा किया गया है।
इतनी राशि में नगर पालिका नगर पालिका के अधीन आने वाले मानस भवन, क प्यूनिटी हॉल सहित अन्य जगह पर खुद टेंट खरीदकर, कर्मचारी लगाकर टेंट लगा सकती थी जिससे नपा को एक आय का भी साधन होता। जब इस तरह की बात वहां मौजूद पार्षदों ने सुनी तो उक्त दर को निरस्त कर नई प्रक्रिया द्वारा टेंडर लगाए जाने की बात कही।
अब बड़ा सवाल यह है कि किनके इशारों पर नपा द्वारा इतना बड़ा भुगतान एक टेंट व्यवसायी को किया गया। सूत्रों की मानें तो इस भुगतान के पीछे नपा के अधिकारियों सहित कुछ जनप्रतिनिधि और उनके पुत्रों को उक्त टेंट व्यवसायी द्वारा ऐश और केश कराने के ठेके लिए जाते थे जिसकी दम पर इस टेंट व्यवसायी को नगर पालिका द्वारा इतना बड़ा भुगताान किया गया है।
यह भी अब एक जांच का विषय है अगर इसमें जांच होती है तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और एक बड़ा भ्रष्टाचार भी खुलकर सामने आएगा।