
इस योजना के माध्यम से हम सभी को ऐसे प्रयास करने है कि योजना का क्रियान्वयन धरातल पर भी दिखें और किसानों की आय में 5 वर्ष में दोगुना वृद्धि हो।
प्रभारी मंत्री रूस्तम सिंह ने उक्त आशय के उद्गार जिला योजना समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में विधायक पोहरी प्रहलाद भारती,विधायक कोलारस राम सिंह यादव, कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव,वनसंरक्षक आरएस कोरी, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील रघुवंशी,अपर कलेक्टर नीतू माथुर,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मौर्य सहित जिला योजना समिति के सदस्यगण एवं जिला अधिकारी उपस्थित थे।
कृषि आय पांच वर्ष में दोगुनी हो इसके लिए प्रत्येक वर्ष की बनी कार्य योजना
प्रभारी मंत्री ने पूर्व में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों पर विभागवार पालन प्रतिवेदन की समीक्षा की। बैठक में 22 करोड़ की तीन वर्षीय जिला योजना और पांच वर्ष में किसानों की आय में दोगुना वृद्धि होने के लिए बनाई गई कार्य योजना का और छत्री रोड़ स्थित बेलकम सेंटर और जिला पर्यटन संर्वधन परिसर को हस्तांतरण करने का अनुमोदन किया गया।
प्रभारी मंत्री ने विभागवार समीक्षा करते हुए कहा कि जिले में पांच वर्षों में किसानों की आय में दोगुनी वृद्धि हो इसके लिए विभागवार प्रतिवर्ष किसानों की आय में कैसे इजाफा हो जो जिले की योजना बनाई गई है,वह उत्कृष्ट योजना है।
जिसे प्रदेश के अन्य जिले में भी अनुसरण करेंगे। इस योजना में स्थानीय संसाधनों का उपयोग करने के साथ.साथ किसानों के आय बढ़ाने हेतु हर पहलू को ध्यान में रखा गया है और इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि इस योजना का क्रियान्वयन धरातल में सही रूप से हों।
रूस्तम सिंह ने जल संसाधन विभाग की प्रगति प्रतिवेदन की समीक्षा करते हुए कहा कि कृषि उत्पादन बढ़ाने में कृषि विभाग की अहम भूमिका है। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि ऐसे तालाब,नहरें तथा मध्य एवं लघु सिंचाई योजनाएं अधूरी पड़ी है। ऐसी योजनाओं को पूर्ण करने हेतु प्रस्ताव बनाए और इस कार्य में जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लें।
उन्होंने कहा कि जहां अधूरे तालाब एवं सिंचाई योजनाएं पूर्ण होंगी,वहीं जिले की सिंचाई क्षमता में भी वृद्धि होगी। जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा। श्री सिंह ने कहा कि अधिकारीगण यह सुनिश्चित करें कि जनप्रतिनिधियों द्वारा जो सुझाव दिए गए है। उन पर गंभीरतापूवर्क विचार कर योजना बनाने में उनका उपयोग करें।
उन्होंने कहा कि जिले के ऐसे स्थल जहां सिंचाई की योजनाएं व्यवहारिक है तथा किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त हो सकेंगाए ऐसी योजनाओं का सर्वे भी कराया जाए।