
जानकारी के अनुसार विष्णु मंदिर के पीछे स्थिति मध्यप्रदेश सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन के कार्यालय में एमपी कॉन की ओर से आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी भेजे गए हैं। आॅफिस इंचार्ज का काम है कि वो इन कर्मचारियों के बीच कार्य का विभाजन करे और उपस्थिति पत्रक बनाकर एमपी कॉन को भेजे ताकि वेतन भुगतान किया जा सके।
कर्मचारियों का कहना है कि जेपी गुप्ता के शिवपुरी आने से पहले तक सारी प्रक्रियाएं सुचारू रूप से संचालित हो रहीं थीं परंतु जब से जेपी गुप्ता जिला प्रबंधक बनकर यहां आए हैं। पूरे आॅफिस का माहौल ही बदल गया है। वो खुद को डीएम कहलवाना पसंद करते हैं। बता दें कि डीएम से तात्पर्य डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट होता है, जिसे आम लोग कलेक्टर के नाम से भी जानते हैं।
कर्मचारियों का आरोप है कि जेपी गुप्ता ने सभी कर्मचारियों के बीच पूर्व से विभाजित काम करने से इंकार कर दिया और प्रत्येक कर्मचारी को कुछ इस तरह से काम दिया जाने लगा जिससे कोई एक कर्मचारी किसी काम के प्रति उत्तरदायी ही नहीं रह गया। एक ही काम को कई कर्मचारियों से कराना जेपी गुप्ता की आदत में शुमार है। अपनी गलतियों के लिए वो भरे आॅफिस में किसी भी कर्मचारी को गालियां देने लगते हैं।
कर्मचारियों ने यह आरोप भी लगाया कि जेपी गुप्ता सुबह 10:30 वजे से लगातार रात्रि 11 वजे तक सभी कर्मचारियों को बिना काम के रोककर रखते हैं और अपनी दबंगई की कहानियां सुनाते हैं। गाली गलौच और अश्लील बातें उनकी शब्दावली में शामिल हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि हम काम करना चाहते हैं परंतु जेपी गुप्ता किसी को कोई नियमित काम देते ही नहीं। पहले सबकुछ ठीक चल रहा था परंतु जब से जेपी गुप्ता आए हैं पूरे आॅफिस का माहौल खराब हो गया है। आज जब हमने अपने वेतन के बारे में पूछा तो जेपी गुप्ता भड़क गए और सबको भगा दिया।
इनका कहना है
मेरे द्वारा किसी कर्मचारी को प्रताडित नहीं किया गया है। यह कर्मचारी दिन में अपना काम नहीं खतम कर पाते इस लिये हम काम कराते है। में भी तो उक्त कर्मचारियों के साथ काम करता हूं। अगर अपना काम दिन में नही निपटायेगे तो रात में करना पडेगा। लेकिन रात्रि 11 वजे के आरोप निराधार है।
जेपी गुप्ता
जिला अधिकारी
मध्यप्रदेश सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन शिवपुरी
कर्मचारी अगर लिखित में इस अधिकारी की शिकायत करते है तो हम तत्काल इस मामले को देखते हुए उक्त अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेंगे।
एचओ
एमपीकॉन कंपनी