सहरिया क्रांति का ऐतिहासिक निर्णय: खातों में नहीं डालेंगें ब्लैक मनी

शिवपुरी। जैसे ही देश भर में 1000 और 500 के नोट पर रोक लगी वैसे ही अवैध धन संग्रहणकर्ताओं ने ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए शॉर्टकट खोजना शुरू कर दिए हैं, अब उनकी नजर आदिवासियों के उन जन धन खातों पर हैं जो हाल जीरो बैलेंस पर खोले गए हैं। 

लोगों ने गाँव गाँव जाकर आदिवासियों बस्तियों में दलालों के माध्यम से स पर्क साधना शुरू किया वैसे ही इसकी जानकारी सहरिया क्रांति कार्यकर्ताओं को लगी और उन्होंने ब्लैक मनी धारकों के मंसूबे ध्वस्त कर दिए हैं। इस स बन्ध में एक आपात बैठक का आयोजन सहरिया क्रांति द्वारा किया गया है जिसमें सैंकड़ों आदिवासियों ने हिस्सा लेकर निर्णय लिया कि वे राष्टï्र निर्माण के इस दौर में सरकार के साथ हैं और अपने खातों का दुरुपयोग नहीं होने देंगे। 

यह अब तक की प्रदेश में पहली बैठक है जिनमें गरीब आदिवासियों ने ब्लैक मनी को व्हाइट करने वालों के खिलाफ न केवल आवाज बुलंद की बल्कि उनके भांडा फोडऩे की भी तैयारी कर ली। 

शिवपुरी में लगभग 2 लाख 24 हजार आदिवासी हैं जिनमें सभी के धन जन एकाउंट खुल चुके हैं। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सहरिया आदिवासियों के खातों पर कथित धन कुबेरों की काली नजर है और वे उनके जनधन के खातों में अपना काला धन डालने के लिए उन्हें लुभावने ऑफर दे रहे हैं। 

इस संबंध में सहरिया क्रांति की आवश्यक बैठक स पन्न हुई जिसमें आदिवासियों को आगाह किया गया कि वे ऐसे किसी प्रलोभन में न आएं व अपने खातों का दुरूपयोग न होने दें। सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने अपील करते हुए कहा कि गरीब आदिवासी भाई बहन, चंद पैसों के लालच में  आकर किसी अन्य व्यक्ति की राशि अपने खातों में न डलवायें और न ही उन्हें आहरित करें। 

भ्रष्टाचार उन्मूलन और आतंकवाद के नाश के लिए तथा राष्ट्र निर्माण के इस दौर में सबको सरकार के सराहनीय निर्णय का साथ देना चाहिए और खातों का दुरूपयोग होने से बचाना चाहिए।

सहरिया क्रांति मुखिया ऊधम आदिवासी ने कहा कि अगर कोई गुमराह करके हम गरीबों के खाते में राशि डालता है तो उसकी सूचना सरकारी तंत्र को दें व उक्त राशि का आहरण न करके ऐसे व्यक्ति की पोल खोलें जो काला धन रखकर देश के साथ गद्दारी कर रहा है। 

बैठक में उपस्थित आदिवासियों ने इस निर्णय पर तालियों के साथ इसका स्वागत किया व अपनी स्वीकारोक्ति दी। मोदी सरकार द्वारा कालेधन पर लगाम लगाने के लिए लिए गए इस ऐतिहाासिक निर्णय से आदिवासियों में खुशी की लहर है और वे सरकार के इस फैसले के साथ हैं। 

विदित हो कि आदिवासी अंचल में कई रैकिट एकाएक सक्रिय हो गए हैं और गरीबी का फायदा उठाकर उन अशिक्षित और भोले भाले आदिवासियों को बरगलाने का कार्य कर रहे हैं। सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने मु यमंत्री से अपील की है कि जनधन के खातों में एकाएक आई राशि के आहरण पर तत्काल रोक लगायें और राशि कहाँ से आई इस बात की जानकारी लेकर दोषियों पर कानूनी कार्यवाही की जाए।
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