नपा में भ्रष्टाचार: ठेकेदार सहित अन्य पर एफआईआर के आदेश, प्रभारी सीएमओ भी दोषी

शिवपुरी। शहर की नगर पालिका में पिछले कुछ दिनों से फर्जी कुटेशन के मामले में आज अतिरिक्त कलेक्टर नीतू माथुर ने जांच पूर्र्ण कर ली है और जांच में कथित भ्रष्टाचार के आरोप प्रमाणित पाए गए हैं। अतिरिक्त कलेक्टर की जांच रिपोर्र्ट की पुष्टि करते हुए कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रभारी सीएमओ तथा नगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी गोविन्द भार्र्गव को लापरवाही के लिए दोषी पाया गया है। 

श्री भार्र्गव और नगर पालिका के अन्य संबंधित कर्र्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। कलेक्टर के अनुसार जांच रिपोर्र्ट के आधार पर एक कर्र्मचारी को निल िबत भी किया गया वहीं ठेकेदार गोलू व्यास सहित अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया जा रहा है। 

जानकारी के अनुसार सीएमओ रणवीर कुमार जब छुट्टी पर थे। उस दौैरान प्रभारी सीएमओ गोविन्द भार्र्गव के कथित हस्ताक्षर से 10 अक्टूबर 2016 को नाली निर्माण एवं स्लोप निर्माण हेतु कुटेशन सूचना निकाली गर्ई। लगभग 14 लाख रूपए के इन 15 कार्र्यों हेतु 17 अक्टूबर 2016 तक ठेकेदारों द्वारा दरें डाली जानी थी। 

सूत्र बताते हैं कि 14 लाख रूपए हड़पने हेतु कोर्ई काम नहीं किया जाना था तथा पूरी राशि को ठिकाने लगाने की योजना थी। सूत्र यह भी बताते हैं कि विधिवत रूप से इसकी फाईल तैयार की गर्ई थी। जिसमें सब इंजीनियर राठौर और श्री परिहार के हस्ताक्षर है तथा इसे नगर पालिका के एक क्लर्र्क द्वारा तैैयार किया गया था। 

इस फार्ईल के आधार पर आवक जावक लिपिक ने टेंडर सूचना की आवक जावक भी कर दी और एक अन्य लिपिक विजय बैरागी ने इसे क प्यूटर में अपलोड भी कर दिया। भ्रष्टाचार की यह मुहिम ठीक ढंग से आगे बढ़ रही थी। लेकिन इसी बीच एक अन्य ठेकेदार ने जिसे इस योजना में अनुग्रहित नहीं किया गया था, पूरे मामले की पोल खोल दी। 

शिवपुरी समाचार ने उक्त मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था तो हुआ तो योजनाकारों में हडक़ंप व्याप्त हो गया। इसके बाद जाने अनजाने भ्रष्ट लॉवी गड़बड़ी करती चली गर्ई और फंसती चली गर्ई। सबसे पहले इसकी फाईल रहस्यमय ढंग से गायब कर दी गई। सब इंजीनियर हरिओम राठौर और जेपी परिहार तथा संबंधित क्लर्क जितेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि इसकी फाइल बनी ही नहीं है। 

लेकिन सवाल यह था कि जब फाइल बनी ही नहीं तो कुटेशन सूचना को क प्यूटर में कैसे अपलोड कर दिया गया। सीएमओ रणवीर कुमार ने बयान दिया कि कुटेशन सूचना पर प्रभारी सीएमओ गोविन्द भार्गव के फर्जी हस्ताक्षर है। इससे यह पूरा मामला धोखाधड़ी में तब्दील हो गया और कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने इस मामले की जांच के आदेश देते हुए जांच अधिकारी अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमती नीतू माथुर को बनाया। 

उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक ही दिन में सभी संबंधित लोगों के बयान लिए। जिनमें प्रभारी सीएमओ गोविन्द भार्र्गव, सब इंजीनियर हरिओम राठौर, जेपी परिहार, क्लर्क जितेन्द्र श्रीवास्तव, संजय गुप्ता, सुधीर मिश्रा आदि के बयान लिए। सूत्र बताते हैं कि प्रभारी सीएमओ गोविन्द भार्गव ने बयान में कहा कि कुटेशन सूचना की फोटो कॉपी देखने पर उनके हस्ताक्षर नकली लग रहे हैं तथा फार्ईल देखने के बाद वह बता पायेंगे कि उनके हस्ताक्षर हैं अथवा नहीं। 

श्री भार्गव ने बयानों में यह भी कहा कि इसकी फाईल बनी है अथवा नहीं, उन्हें नहीं पता। लिपिक विजय बैरागी ने बयान में बताया कि कम्यूटर में कुटेशन सूचना अपलोड उन्होंने ठेकेदार गोलू व्यास के कहने पर की थी। इस मामले में उवाल तब आया जब भाजपा पार्षदों ने जिम्मेदारों के खिलाफ कार्र्रवार्ई हेतु कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव को ज्ञापन दिया। 

वहीं पहले से ही नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा दोषियों को कठघरे में खड़ा करने की मुहिम छड़े हुए थे। अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमती नीतू माथुर ने बताया कि जांच में सभी आरोप प्रमाणित पाए गए हैं और उन्होंने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव को सौंप दी है।