मोदी से मन की बात करने गया था डॉ.राकेश बघेल, नोटबंदी पर जताई नाराजगी

शिवपुरी। कल लोकसभा में पकड़े गए युवक डॉ. राकेश बघेल ने बताया कि यह वह लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन से अपने मन की बात करने गया था, क्योंकि इसी सशक्त माध्यम से वह अपनी तथा जनता की आवाज जन-जन तक पहुंचा सकता था। मैं वहां कूदने नहीं गया लेकिन यह महसूस किया गया कि मैं दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूंद रहा हूं और मुझे पकड़ लिया गया। वकौल बघेल, मैं नोटबंदी से किस तरह से जनता परेशान हो रही है उसे अवगत कराना चाहता था।

अपने गांव निजामपुर पहुंचने के बाद इस संवाददाता से बातचीत करते हुए डॉ. राकेश बघेल ने बताया कि देश का 96 प्रतिशत पैसा 1 प्रतिशत लोगों के पास हैं जबकि 99 प्रतिशत लोगों के पास मात्र 4 प्रतिशत धन है ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी  से मेरा सवाल है कि 99 प्रतिशत गरीब लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा है। क्या नोटबंदी के अलावा काला धन निकालने का कोई तरीका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास नहीं है। 

जब डॉ. बघेल से पूछा गया कि ये आंकड़े उन्हें कहां से मिले तो उनका जवाब था कि उन्होंने द सीके्रट नामक पुस्तक में इसे पढ़ा था। श्री बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी तो अपने मन की बात कर लेते हैं क्या जनता को अपने मन की बात करने का अधिकार नहीं है और वह लोकसभा में अपने मन की बात करने के लिए गया था।

उसके यह भी सवाल हैं कि मोदी कहते हैं संविधान भारत की आत्मा है। तो फिर संविधान की किताब कक्षाओं में क्यों नहीं पढ़ाई जाती। उसका यह भी सवाल है कि गंगा जमुनी संस्कृति वाले भारत में आज सा प्रदायिकता का जहर पनप रहा है और हर राजनैैतिक दल इसे बढ़ाने में लगा हुआ है। मोदी जी ने जिस एक झटके से नोटबंदी की क्या उन्हें सा प्रदायिकता के खिलाफ भी इतनी दृढ़ता नहीं दिखानी चाहिए थी। 

लोकसभा में संविधान की अनिवार्र्यता सा प्रदायिकता के खिलाफ  आवाज उठाने के बाद तीसरा सवाल शिक्षा को लेकर उठाना चाहता था। शिक्षा का निजीकरण करने से शिक्षा आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही है। शासकीय स्कूलों में धन संपन्न और प्रभाव संपन्न लोग अपने बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते जिससे सरकारी स्कूलों का स्तर गिर रहा है। उसकी मांग है कि निजी विद्यालय बंद कर सरकारी स्कूलों में पढ़ाना अनिवार्र्य किया जाए तभी देश का भविष्य सुधर सकता है।