
इस योजना के शुरु करने का उद्देश्य भी यही है कि एक ही स्थान पर यह वस्तुएं एकत्रित हों और फिर इसी स्थान से उन्हें वितरित किया जाए ताकि न तो इन वस्तुओं को दान देने वाले लोगों को परेशानी आए और न ही जरूरत मंद को किसी अन्यत्र स्थान पर जाना पड़े। इसकी शुरुआत संस्था के पदाधिकारियों और सदस्यों ने मिलकर की है और इसमें शहरवासियों का सहयोग भी संस्था ने मांगा है।
बर्तन, खिलौने और स्कूली बैग की भी शुरुआत
संस्था सदस्यों ने बर्तनों के साथ खिलौने और स्कूली बैग भी कले1ट करने की शुरुआत की है ताकि किसी भी तरह से बच्चों और महिलाओं के लिए भी संस्था मददगार साबित हो सके। इसके लिए संस्था ने बर्तनों को एकत्रित कर महिलाऔ को देने की योजना बनाई है वहीं खिलौने और स्कूली बैग की शुरुआत बच्चों के लिए की है ताकि गरीबों और जरूरत मंदों के बच्चे भी खिलौनों से खेल सकें और वह पन्नियों या प्लास्टिक रैपर में किताबें स्कूल न जाए वरन स्कूली बैग लेकर ही वे पढऩे जाए।
पुस्तकों का संग्रहालय बनेगा
विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय की स्थापना की योजना है और इसके तहत लोगों से पुस्तकें भी मांगी गयीं है। इसका उद्देश्य यही है कि पढाई पूरी करने के बाद भले ही विद्यार्थियों के लिए वे पुस्तकें अनुपयोगी हो सकती है,लेकिन जरूरतमंद को अपनी पढाई जारी करने के लिए वे पुस्तकें महत्वपूर्ण होती है इसीलिए इन किताबों को एकत्रित कर वह जरूरत मंद विद्यार्थियों को देने की योजना मंगलम ने तैयार की है।
जूते और चप्पल बैंक की पहले ही कर चुके है शुरुआत
जूते और चप्पल बैंक की शुरुआत संस्था द्वारा पहले ही की जा चुकी है,जिसमें लोगों के पुराने और अनुपयोगी जूतों,चप्पलों को मंगलम में एकत्रित किया जा रहा है। इन्हे व्यवस्थित कर जरूरत मंदों को दिया भी जाएगा।
ऐसे जमा होगी हैप्पी बैंक में सामग्री
मंगलम में शुरु की गई हैप्पी बैंक में जरूरत की सभी चीजों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है जहां इन्हे एकत्रित कर रखा जाएगा। लोगों से उनके लिए अनुपयोगी लेकिन दूसरों के लिए उपयोगी सामान को एकत्रित करने के लिए यह अपील की जा रही है आप अपने पुराने वस्त्रों या सामान को व्यवस्थित कर इस ढंग से दें ताकि वह दूसरे के लिए तुरंत उपयोगी हो और यदि ऐसा दाता नहीं करता तो फिर संस्था इन्हे जरूरत मंदों के उपयोगी बनाकर उन्हें वितरित करेगी।