
मामला प्रेस में आने के बाद सीएमओ ने कहा था कि इस मामले में एफआर्ईआर करार्ई जाएगी। क्येांकि निविदा सूचना पर प्रभारी सीएमओ गोविन्द भार्र्गव के फर्जी हस्ताक्षर हैं। प्रभारी सीएमओ ने भी अपने फर्जी हस्ताक्षर होने की पुष्टि की थी और कहा था कि वह स्वयं भी इस मामले में एफआर्ईआर दर्ज करायेंगे। लेकिन अब प्रभारी सीएमओ कह रहे हैं कि उनके हस्ताक्षर असली हैं अथवा नकली वह जब तक फाईल नहीं देख लें तब तक कुछ नहीं कह सकते। वहीं इस मामले की फाईल भी रहस्यमय ढंग से गायब हो गर्ई है।
नगर पालिका से 14 लाख रूपए हड़पने के लिए नाली मर मत कार्य और स्लोप निर्र्माण के 14 कार्यो की अवैधानिक ढंग से निविदा सूचना निकाली गर्ई। सूत्र बताते हैं कि विभिन्न वार्डों के इन कार्र्यो हेतु वहां के पार्र्षदों की सहमति भी नहीं ली गर्ई और यह सीधे-सीधे 14 लाख रूपए हड़पने की योजना थी। लगभग एक-एक लाख रूपए के 14 फर्जी कार्र्यो की परवारे तीन फर्र्मो से टेंडर ले लिए गए और इनके वर्र्क ऑर्डर जारी होने के पूर्र्व ही यह मामला उजागर हो गया। बताया जाता है कि वर्र्क ऑर्डर के बाद बिना काम किए पेंमेंट निकालने की योजना थी। इसके तहत निविदा सूचना का आवक जावक भी संबंधित क्लर्क रोहित खैमरिया से कराया गया और क्लर्र्क विजय बैरागी से कम्प्यूटर में उक्त निविदा सूचना को अपलोड करा दिया गया।
बताया गया है कि फाईल पर उन दो सब इंजीनियरों के हस्ताक्षर है जो सर्व शिक्षा अभियान से नगर पालिका में प्रतिनियुक्ति पर आए हैं। उस समय सीएमओ रणवीर कुमार छुट्टी पर थे और उनके स्थान पर प्रभारी सीएमओ गोविन्द भार्र्गव के निविदा सूचना पर हस्ताक्षर बताए जाते हैं।
जिन्हें प्रारंभ में श्री भार्गव ने अपने हस्ताक्षर को फर्जी बताकर इस मामले को ठगी में तब्दील कर दिया। बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह ठगी किसने की। इस संबंध में जब सीएमओ रणवीर कुमार से पूछा गया तो उनका जवाब था कि कोई व्यास के कहने पर क्लर्र्क बैरागी ने क यूटर में इसे अपलोड किया है। इस मामले में सीएमओ रणवीर कुमार ने दो सब इंजीनियरों सहित दोनों क्लर्कों को तीन दिन के भीतर नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
फाईल न मिलने से बच रहे हैं प्रभारी सीएमओ
इस मामले में उस समय के प्रभारी सीएमओ गोविन्द भार्र्गव का रटा रटाया बयान है कि जब तक वह फाईल नहीं देख लेंगे वह कुछ नहीं कह पायेंगे। जब उनसे पूछा कि निविदा सूचना पर उनके हस्ताक्षर हैं अथवा नहीं तो उन्होंने सीधा जवाब न देकर यही कहा कि निविदा सूचना की फोटो कॉपी पर तो उनके नकली हस्ताक्षर दिख रहे हैं। लेकिन सच्चाई फाईल मिलने के बाद सामने आएगी। लेकिन सवाल यह है कि जिस निविदा सूचना का आवक जावक हो गया।
उसे कम्प्यूटर में भी अपलोड कर लिया गया तो फिर उसकी फाईल कहां गई। सवाल यह भी है कि निविदा सूचना के जरिये 25 हजार रूपए तक के ही कार्र्य दिए जाते हैं तो प्रभारी सीएमओ भार्र्गव यह कहने में क्यों हिचक रहे हैं कि 25 हजार रूपए से ऊपर के कार्र्य के लिए वह निविदा सूचना पर कैसे हस्ताक्षर कर सकते हैं।
भ्रष्ट अफसरशाही के खिलाफ मोर्र्चा खोलना होगा: नपा उपाध्यक्ष अन्नी
नगर पालिका उपाध्यक्ष अन्नी शर्र्मा का मानना है कि भ्रष्ट अफसरशाही के माध्यम से नगर पालिका के खजाने को 14 लाख रूपए की चपत लगाने की योजना थी। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि ऐसे भ्रष्ट कारनामे और भी अंजाम दिए गए होंगे। जिनका पता लगाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि मैने अपने दो साल के कार्यकाल में नगर पालिका की भ्रष्ट अफसर शाही को सुधरने की कर्ई बार चेतावनी दी, लेकिन उनके रूख में कोई परिवर्तन नहीं आया, इसलिए अब हमारी नगर पालिका में भी हमें भ्रष्ट अफसर शाही के खिलाफ मोर्चा खोलना होगा। ताकि ऐसे घटनाक्रमों की पुनरावृत्ति न हो।
इनका कहना है
इस मामले में नगर पालिका के चार कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन समझ में नहीं आ रहा कि ऐसे अवैध काम को करने की आवश्यकता क्यों पड़ी जिसमें किसी का फायदा नहीं हो रहा है। जहां तक पुलिस में एफआईआर दर्र्ज कराने का सवाल है तो हम इसमें विभागीय कार्रवाई कर रहे हैं।
रणवीर कुमार
सीएमओ नगर पालिका शिवपुरी