अंतर्राष्ट्रीय दल ने जाना सहरियाओं का हाल

शिवपुरी। जलगांव में अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन में सम्मलित होने आई 40 देशों की ऐसी महिला प्रतिनिधियों का दल देश के विभिन्न इलाकों के भ्रमण पर निकला है, जो कि शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलकर विश्व के सामाजिक हालातों में बदलाव के पक्षधर हैं। 

इसी क्रम में ऐसे आठ-आठ सदस्यीय महिलाओं के दो दल शिवपुरी एवं श्योपुर के आदिवासी अंचल में पहुंचे और वहां के मौजूदा हालातों का जायजा लिया। साथ ही साथ इस दल ने इनकी समस्याओ के समाधान के सामाजिक तरीकों को भी जानने का प्रयास किया। 

इस अंतर्राष्ट्रीय दल ने गत रोज शिवपुरी एवं आसपास के उन इलाकों का दौरा कर आदिवासियों की समस्याएं और उनके समाधान के तरीकों को जाना। दल ने जाना कि किस तरह आदिवासी लोग अपने अधिकारों को पाने के लिए शांति मार्ग से आंदोलन करते हैं एवं अपने जीवन यापन करने के लिए क्या क्या तरीके अपनाते हैं। 

अपनी स्वयं की जमीन जिन पर दबंगों के कब्जे हैं, इन्हें मुक्त कराने के लिए आज भी वे पूरी तरह समर्थ नहीं हैं और शासन की ओर से भी कोई सार्थक पहल तब तक नहीं होती जब तक कि आदिवासी समुदाय आंदोलन का मार्ग न अपनाये।  

शिवपुरी आये विभिन्न देशों की महिलाओं के दल ने भ्रमण के बाद सहरिया क्रान्ति संयोजक संजय बेचैन के निवास पर जाकर शिक्षित आदिवासी युवक युवतियों से मुलाकात कर उन्ही  से उनकी समस्याओं का निदान कैसे हो ये जाना। इस दल में एकता महिला मंच की प्रमुख श्रृद्घा, नेपाल की राजू देवी, कनाडा की एन पियरसन, क बोडिया की सौथेरी, केन्या की फमेना मत्तिसा, अजरबेजान की जमीरा, स्विटजरलेण्ड की मरियम शामिल थीं। 

श्योपुर आए दल को एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक राजगोपालन पीव्ही ने श्योपुर के ग्रामीण अंचल में आदिवासियों में आ रहे परिवर्तन की झलक दिखलाई, वहीं सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन ने श्री गोपालन के साथ मौजूद दल के सदस्यों को अवगत कराया कि किस प्रकार से शांति के मार्ग पर चलकर  सहरिया आदिवासी अपने जीवन के संकटों से निजात का प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान गांधीसेवा आश्रम के रण सिंह परमार और सामाजिक गतिविधियों से जुड़ीं रंजना शर्मा भी मौजूद थीं।
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