महामारी के इंतजार में मलेरिया विभाग: डेंगू व मलेरिया के नाम पर भर रहे है अपनी जेबें

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में हाल ही में 50 हजार घरों में लर्वा मिलने की घटना के बाद भी मलेरिया विभाग ने ऐसा कोई भी उपाय नहीं किया जिससे  डेंगू मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सके। विभाग द्वारा  लार्वा विनिष्टकरण को लेकर अभी तक लाखों रूपए पानी की तरह बहा दिए हैं। 

समस्या पूर्ववत है ऐसी स्थिति में जिला इन गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गया है। कई लोग इस बीमारी से काल के गाल में भी समा चुके हैं। विभाग द्वारा लार्वा विनिष्टि करण के लिए टीमों का गठन किया गया। जिसमें हर सात दिन में शहर के वार्डों में घर-घर घूमकर लार्वा नष्ट करने का दावा विभाग द्वारा किया गया, लेकिन आश्चर्य यह है कि जब सात दिनों में टीमें घर-घर जाकर लार्वा नष्ट कर रही है, ऐसी स्थिति में उन 50 हजार घरों में लार्वा मिलना कहां तक उचित है। इस घटना ने मलेरिया विभाग के कार्यो की पोल खोल दी है। 

जबकि विभाग को घर-घर जाकर लार्वा विनिष्टिकरण के उपाय लोगों को बताए जाने थे और दवा का छिडक़ाव कर लार्वा नष्ट करना था। यहां तक कि सडक़ के किनारे गड्डों में भरे पानी सहित नालियों और नालों व तालाबों के किनारे खड़ी घास की कटाई कर साफ सफाई किया जाना था और वहां लार्वारोधी दवा ऐवेट व टेमाफोस आदि का छिडक़ाव किया जाना चाहिए था, लेकिन विभाग ने  ऐसा कोई उपाय नहीं किया जिससे लार्वा को नष्ट किया जा सके और इसकी परिणीति स्वरूप डेगू व मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों ने शहर को जकड़ रखा है। भारत सरकार भी इन बीमारियों को लेकर गंभीर है, लेकिन शिवपुरी में मलेरिया विभाग आज भी सचेत नहीं है जिसके कारण शिवपुरी जिला इन गंभीर बीमारियों की जकड़ आ गया है। 

जिस घर में लार्वा मिले उसके मुखिया जुर्माना लगाने का प्रावधान
नगरीय प्रशासन और मलेरिया विभाग मिलकर शहर में लार्वा को नष्ट करने के लिए संयुक्त रूप से अभियान चलाते हैं, लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही सिमिट कर रह जाता है। ऐसी स्थिति में यह बीमारियां बढ़ती जा रहीं है, जबकि शासन ने दोनों विभागों को अधिकार दिए हैं कि जिस घर में लार्वा मिले उन्हें नष्ट किया जाए और घर के मुखिया को समझाईश भी दी जाए। इसके बाबजूद भी उस घर में लार्वा मिले तो गृह स्वामी पर जुर्माना लगाने का प्रावधान भी सरकार बना रखा है, लेकिन विभाग इन बीमारियों को स्वयं ही सचेत नहीं है ऐसी स्थिति में वह लोगों को कहां तक सचेत करेंगे।

नहीं किया जा रहा दवा का छिडक़ाव
नगर पालिका सहित मलेरिया विभाग के पास दो फोगिंग मशीन और हेण्ड स्प्रे मशीन होने के बाबजूद भी आज तक ना तो घरों पायराथ्रम दवा का छिडक़ाव किया गया ना ही गलियों सहित शहर भर में फोङ्क्षगग मशीन से मच्छर मारने के लिए धुंआ किया गया। ऐसी स्थिति में लाखों की खरीदी गई फोङ्क्षगग मशीनें और दवायें बिना उपयोग के ही नष्ट होने की कगार पर हैं। 
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!