ज्ञान का ग्रंथ है भागवत गीता : मरियम आसिफ सिद्दीकी

शिवपुरी। मजहबी दुनिया से बाहर निकलकर इंसानियत की दुनिया में आए और नेकी का कर्म करें, यही श्रीमद् भागवत गीता का ज्ञान ग्रंथ है जबकि रामायण जीवन का आदर्श है जिसने इन्हें जान लिया वह अपने जीवन का मूल अस्तित्व जान जाएगा। 

‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मॉं फलेषु कदाचित:’ संस्कृत के इन वाक्यों ने मनुष्य को कर्म योगी व्यक्ति बताकर उस पर चलने का आह्वान किया है वहीं कुरान भी बंदे को नेकी की राह दिखाता है इसलिए इन ग्रंथो पर इंसान चलकर इंसानियत का फर्ज अदा करें। 

उक्त बात कही देश की प्रथम भागवत गीता प्रतियोगिता विजेता कुं.मरियम आसिफ सिद्दीकी ने जो अल्प प्रवास पर शिवपुरी में अपने रिश्तेदार कांग्रेस नेता अब्दुल रफीक खान अप्पल व असद अमीन अल्ली के पिता स्व. नामदार खान राष्ट्रपति पुरूस्कार से अलंकृत के इंतकाल पर अपनी शोक संवेदना जताने आए हुए थे। 

इस दौरान मरियम के पिता आसिफ, मॉं फरहाना कुर्रेशी व भाई ऐमन, बहिन याहिया, नाबिया भी साथ थे। इस अवसर पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धार्थ लढ़ा, पूर्व नपा उपाध्यक्ष पदम चौकसे काका, विद्यार्थी ग्र्रुप के सीएमडी साजिद विद्यार्थी, खलील खान, जुबेर कुर्रेशी व अन्य लोग मौजूद थे। 
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