
इस मंदिर पर हर साल संक्राति पर एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। जो भी भक्त इस दिन श्रृद्वा के साथ इस मंदिर पर जाता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। बताया गया है इस मंदिर में एक गौंमुख है जो बारह महीने इस गौंमुख से पानी टपकता रहता है।
स्थानीय उपेन्द्र सिंह जादौन ने बताया है कि इस मंदिर के पास मेंं ही एक हेण्डपंप लगा हुआ है जो किसी चमत्कार के चलते इस बरसात से बिना चलाये ही लगातार पानी दे रहा है। बताया गया है यहॉ पर सिर्फ शंकर और गणेश जी की मूर्तियां ही है जिससे अनुमान लगाया गया है कि उक्त मंदिर भगवान राम के जन्म से पहले का है। यहॉ राम भगवान का कोई भी अंश आज तक दिखाई नही दिया है। यहॉ के रह बासिंयों के लिये उक्त मंदिर पूरी तरह से श्रृद्वा का केन्द्र है।