आज नये लुक में दिखे आरएसएस के कार्यकर्ता, निकाला पथ संचलन

शिवपुरी। भारत की व्यापक मानवतावादी संस्कृति का दुनिया में कोई मुकावला नहीं था। परामक्रम,ज्ञान-विज्ञान, धनवान, कर्मशील से परिपूर्ण होने के बाद भी भारत को गुलामी की त्रासदी झेलनी  पड़ी इसकी पुर्नावृति न हो इसके लिए 1925 में विजयदशमी के दिन परम पूज्य आदिसरसंघ चालक डॉ. हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना की। 

उक्त वौद्धिक राष्ट्रीयस्वयंसेवक संघ के निकाले गए पथसंचलन से पूर्व प्रांत सह संघचालक अशोक जी पाण्डेय ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते दिया। उन्होंने आगे कहा कि संघ समाज को संगठित एवं जागृत कर अपनी गौरवशाली संस्कृति को पुन: स्थापित करने में लगा हुआ है। लेकिन अभी और आगे काम करने की आवश्यकता है। 

विजयदशमी का पर्व यूं तो पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है, लेकिन यह पर्व स्वयंसेवकों के लिए संकल्प उत्सव का है। पथ संचलन से पूर्व वीर सावरकर उद्यान में शस्त्र पूजन किया गया। तत्पश्चात पथ संचलन शहर के प्रमुख मार्ग गुरूद्वारा चौराहा से होते हुए राजेश्वरी, अस्पताल चौराहा, कोर्ट रोड़, गांधी चौक, धर्मशाला रोड़, न्यूब्लॉक, जल मंदिर, एबी रोड़, कमलागंज, माधव चौक चौराहा से होते हुए पुन: वीर सावरकर उद्यान में पहुंचा जहां पथ संचलन का समापन किया गया। 

पथ संचलन का जगह-जगह समाजसेवी संस्था भारत विकास परिषद गुरू तेगबहादुर, ब्राह्मण समाज, क्षत्रिय समाज, राठौर समाज, वैश्य समाज,  सहित  नागरिकों द्वारा आतिशीय एवं पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। इस वर्ष का पथ संचलन स्वयंसेवकों के साथ-साथ नागरिकों के लिए उत्साह और उमंग का वातावरण निर्मित कर रहा था। क्योंकि संघ की स्थापना के 90 वर्ष वाद गणवेश में परिवर्तन किया गया है। स्वयंसेवक पिछले वर्षो की भांति इस वर्ष नेकर के स्थान पर फुल ब्राउन कल के पेंट में दिखाई दिए।