शिवपुरी। जिला बाल कल्याण समिति की न्यायपीठ ने बालिकाओं के हित में कड़ा रूख अपनाते हुये स्कूल, कोचिंग, हॉस्टल के संचालकों को स त हिदायत दी है कि वह सूक्ष्मता के साथ व सी.सी.टी.व्ही. कैमरे के माध्यम से बच्चों पर व स्टाफ पर पूरा ध्यान रखें, किसी भी स्थिति में बालिकाओं के मन में भय व्याप्त न हो, और न ही इन स्थानों पर किसी प्रकार के प्रेम प्रलाप हों, इससे जहां शिक्षा प्रभावित होती हैं, वहीं मनोदशा बिगडने से अप्रिय घटनायें भी जन्म लेती हैं, साथ ही बालिकाओं के अभिभावक भी दहशत में बने रहते हैं।
सी.डब्ल्यू.सी. के अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन, सदस्य श्रीमति उमा मिश्रा व सदस्य विनय राहुरीकर द्वारा संयुक्त रूप से प्रेस नोट जारी कर बताया है कि इस हेतु समिति ने चाइल्ड लाइन व एस.जे.पी.यू. को भी निर्देशित किया है कि वह इन संस्थओं पर अपनी पैनी नजर रखें और अधिनियम के विपरीत परिस्थितियां मिलने पर, तुरंत मजनुओं केा रेस्क्यू कर पुलिस के हवाले करें और पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत कार्यवाही करायें।
श्री जैन ने यह भी बताया कि अधिनियम के उद्देश्य है कि बालिकाओं को पूर्णत: भयमुक्त वातावरण मिले, वह स्वतंत्रता के साथ संस्थाओं में रहकर व मार्ग पर चलकर ठीक से शिक्षा ग्रहण कर सकें, मजनू किस्म के युवक या बालक किसी भी प्रकार से बालिकाओं की शिक्षा में बाधक न बनें।