शिवपुरी। सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मरीजों की मौत के समाचार तो आए दिन आते रहते हैं, लेकिन इस बार इसी लापरवाही का शिकार डॉक्टर का बेटा भी हो गया। अखिलेश बंसल खुद डॉक्टर थे, जब उन्हे हार्टअटैक आया तो तत्काल जिला चिकित्सालय ले आया गया। यहां आईसीयू में उन्हें वेंटिलेटर पर लिया जाना था परंतु कोई वेंटिलेटर आॅन ही नहीं कर पाया और दर्द से तड़पते हुए डॉक्टर अखिलेश बंसल की मौत हो गई।
ग्वालियर से प्रकाशित हिन्दी अखबार 'पत्रिका' ने अपने सूत्रो के हवाले से खबर प्रकाशित की है कि जब डॉ.अखिलेश बंसल को अचानक हार्ट अटैक आया और उन्है तत्काल जिला अस्पताला के आईसीयू में भर्ती कराया गया। वह अपनी जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे थे और उनको लाईफ सपोर्ट सिस्टम /वेंटीलेटर/ की आवश्कता पड़ी। तत्काल ट्रामा सेंटर से वेंटिलेटर निकलवाया गया लेकिन इसको आपरेटर तो करना दूर की बात है, कोई इसे चालू तक नही कर पाया। इस मामले में 'पत्रिका' ने यह भी प्रकाशित किया है कि जब इस सबधं में सीएस से बात की तो वह अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जिसने आपरेट किया, आप उसी से पूछ लो।
कुल मिलाकर अब डॉक्टरो की लापरवाही का शिकार उनका अपना बेटा ही हो गया। इससे पहले कई बार ऐसी खबरे में अस्पताल से आई है कि मरीज के यहां ऑक्सीजन मास्क तो लगा दिया परन्तु सिलेंडर चालू करना ही भूल गए।
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