
जिला अस्पताल में बामौरकलां कस्बे की दीप्ति पुत्री राजपाल सिहं बुंदेला 16 वर्ष पिछले 13 अक्टूबर से भर्ती थी,जिसे रविवार को जांच में डेंगू होने की पुष्टि हुई। वहीं कोटा भगौरा गांव का पुष्पेंद्र पुत्र कृष्ण सिहं गुर्जर उम्र 12 वर्ष को 9 अक्टूबर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उसे भी रविवार को डेंगू होने की पुष्टि हुई। उसके अलावा पुष्पेंद्र की बहन सीतेश उम्र 17 वर्ष तथा भगवान सिंह पुत्र कृष्ण सिहं उम्र 15 वर्ष को भी 14 अक्टूबर को उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। दोनों में रविवार को डेंगू के लक्षण पाए गए।वहीं बच्चों का दादा जाहर सिहं उम्र 60 वर्ष में भी डेंगू के लक्षणों के होने की पुष्टि हुई।
शहर में लार्वा खत्म गांव में पनप रहे एडीज मच्छर
खनियांधाना के बामौरकलां और शहर के ग्रामीण क्षेत्र कोटा भगौरा में डेंगू के मरीजों के मिलने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के इस दावे की पोल खुल गई है कि िजसमें उन्होंने कहा है कि डेंगू का लार्वा खत्म कर चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्र में लार्वा मिलने से अब वह अभियान चलाने की कह रहे हैं।
लार्वा नष्ट करने का अभियान चलाएंगे
कोटा भगोरा का परिवार बिहार के गया धाम से डेंगू लेकर लौटा है। हमारे यहां इनको डेंगू नहीं हुआ है। बामौरकलां भी दूसरे जिले के बार्डर से सटा हुआ है। अब हम वहां जाकर लार्वा नष्ट करने का अभियान चलाएंगे।
डॉ विष्णु कांत खरे, सीएमएचओ शिवपुरी