ललित मुदगल @एक्सरे/शिवपुरी। इन दिनों एक विभाग के 2 दिग्गजों के बीच की तकरार बाजार में चर्चा का विषय बन गई है। नागपुर की पॉवर का दुरुपयोग करते हुए डी-कंपनी लंबे समय से मनमानी कर रही है परंतु इस बार सरदार का एक वार डी-कंपनी को दहशत में खड़ा कर गया।
मामला किराए के पद पर जमे डी-कंपनी के डॉन द्वारा पिछले दिनों की गईं जुगाड़ की जमावट का है। चौथ वसूली के लिए हुई जुगाड़ की जमावट पर सरदार ने सीधा हमला किया है। सुना है ऊपर से आदेश आए थे कि जिले भर में हुईं तमाम जुगाड़ की जमावट को फटाफट खत्म कर दिया जाए। सरदार ने आदेश का पालन करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी।
बस फिर क्या था काली कमाई के लालच में जमी डी-कंपनी में दहशत फैल गई। भागा भागा डॉन अपने भाई का पास पहुंचा। भाई ने भी तत्काल मदद करते हुए सरदार की कार्रवाई को रोकने वाला कागज जारी कर दिया लेकिन सरदार पड़ौस से आए इस कागज को मानने के लिए तैयार ही नहीं है। सरदार का कहना है कि पॉवर उस कागज में है जो ऊपर से आया है। बस यही कारण है कि डी-कंपनी दहशत में है। अड्डों पर जमे शूटर्स को यदि वापस मजदूरी पर आना पड़ा तो काली कमाई तो जाएगी ही बेइज्जती भी खूब होगी। देखते हैं सूबे में चल रही इस जोरदार जंग में कौन जीतता है। डी-कंपनी का डॉन या सूबे का सरदार।
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