कोलारस में नियमों को ठेंगा दिखा कर कर रहे स्कूलों का संचालन, विभाग मौन

इमरान अली/कोलारस। नगर में विभिन्न जगहों पर नियमो को ताक पर रख प्राइवेट स्कूलो का संचालित किया जा रहे है। स्कूलो संचालको कि मनमानी के चलते बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। यहां इन स्कूलो में एडमीशन के समय तो अच्छा प्रसार स्कूलो कि विभिन्न मूलभूत सुविधाओं के सपने दिखाकर लोगो को ठगा जा रहा है। 

एक तरफ एडमीशन के समय तमाम तरह के विज्ञापन, होर्डिंग और लाउड स्पीकरों द्वारा झॅठे सपने और कई तरह के लोभ लालच देकर पालकों को लूटने पर तुले हुए है। वहीं कोलारस के बीचो बीच स्थित ब्राईगट कैरीयर स्कूल बच्चो के लिए नासूर बन कर रह गया है बड़े बड़े भवन और लग्जरी सुविधाओ के सपने दिखाकर यह स्कूल किराए की दुकानो में नियम विरूद्व तरीके से संचालित है। 

जहां न तो बच्चो के लिए पीने के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था नही है स्कूल के बाहर खुले में पानी की टंकी रखकर बच्चो के स्वास्थय से खिलवाड़ किया जा रहा है ।

स्कूल संचालको द्वारा मनमाने ढंग से स्कूली फीस के नाम पर मोटी रकम जमा करा कर स्कूल के नियम अनुसार संचालन पर ध्यान नही दिया जा रहा है। यहां ज्यादातर स्कूलो में न तो खेलने के लिए स्कूल का कोई ग्राउंड है। और न ही सुरक्षा के तरफ कोई ध्यान आप अंदाजा लगा सकते ।

देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों का भविष्य का किस तरह से बर्बाद किया जा रहा हैै। एक तरफ बच्चो को शिक्षित करने के लिए शाासन द्वारा कई लाभकारी योजनाऐं प्रदेश में चलाई जा रही है दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल संचालक इन्हे पलीता लगा रहे है।

निरीक्षण के अभाव में शिक्षा माफियाओं के होसले बुलंद 
स्कूल प्रवंधक और शिक्षा विभाग कि मिली भगत और भष्ट्राचार रूपी शडय़ंत्र के तहत नगर में शिक्ष़्ाा का व्यापार धड़ल्ले से किया जा रहा है शिक्षा विभाग के जि मेदार ऐसे स्कूलो को हरी झंडी देकर नियमो का खुलेआम उलघंन करा रहे है। जमीनी स्तर पर कोलारस में सालो से निरीक्षण नही किया गया जिससे शिक्षा के ठेकेदारो के हाथ मजबूत होते जा रहे है।  

क्या इन स्कूलों पर गिरेगी जॉच की गाज?
मंगलवार को कोलारस एसडीएम एवं शिवपुरी कलैक्टर जनसुनवाई में चाईल्ड जॉन स्कूल की मनमानी के खिलाफ एक अविभावक ने अपने साथ हुई ठगी की लिखित शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर जिला कलैक्टर ने मामला संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिये जिसपर डीपीसी शिरूमणी दुबे ने मामले की जांच के लिए टीम गठित कर जांच कराई जा रही है लेकिन देखना यह है की जांच की गाज सिर्फ एक ही स्कूल पर गिरती हैै या अन्य स्कूल भी जांच के फेर में आते है और अन्य को जीवनदान दिया जाता है।