सहारिया क्रांति ने निकाला घोटाला, बाबू निंलबित

शिवपुरी। सहरिया विकास अभिकरण इन दिनों अनियमितताओं के चलते खासी सुर्खियाँ बटोर रहा है। हाल ही जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग ने जिले में सैंकड़ों आदिवासियों को नोटिस बांट दिए, नोटिस इस बावत कि पंप हेतु स्वीकृत राशि से क्रय किए गए डीजल पंप का मेक, सीरियल नंबर एवं बिल की छायाप्रति उपलब्ध करायें अन्यथा उनके विरुद्घ कार्यवाही की जाएगी। 

नोटिस हाथ में आते ही आदिवासी ठगे से रहे गए क्योंकि इस तरह की कोई राशि उनके व्यक्तिगत एकाउंट में विभाग ने जमा ही नहीं कराई ऐसे में वे डीजल प प खरीदी के दस्तावेज कैसे विभाग को उपलब्ध कराते। सहरिया क्रांति के जिला संयोजक संजय बेचैन के नेतृत्व में आज मु यालय पर प्रदर्शन कर इस मामले की शिकायत लिखित में जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग को की। शिकायत करने वालों में सिरनाम आदिवासी, कल्लू आदिवासी, महावीर, हल्के, करण, द्वारपाल, पुन्ना, प्यारेलाल, परमा, गंगू आदिवासी सिमरैया, पवन लल्लू आदि सहित तमाम ऐसे लोग थे जिन्होंने अपने वे नोटिस भी जिला संयोजक को बताए जो उन्होंनेे बिना प प दिए ही इन्हें थमा दिए थे। 

ये तमाम हितग्राही ग्राम पिपरौ विकासखण्ड पिछोर क्षेत्र के हैं, अलावा इनके बड़ी सं या में जिले के अन्य विकासखण्डों में भी यही स्थिति सामने आ रही है। पोहरी के देवपुरा के आदिवासी भी ऐसी ही शिकायत कर रहे हैं, उन्हें भी जबरन छोटा ट्रेक्टर कहकर पावर ट्रेलर नामक उपकरण थमा दिया गया और स बन्धित फर्म को भुगतान भी कर दिया जबकि यह राशि भी हितग्राहियों के बैंक एकाउंट में जानी थी।

यह था मामला
वर्ष 2013-14 से 2015-16 के दौरान ग्राम पंचायत के प्रस्ताव ठहराव के अनुसार भूमि सिंचाई के लिए डीजल प प खरीदी हेतु 30 हजार रुपए आदिवासियों के व्यक्तिगत खातों में यह रकम जमा की जाकर उक्त प पों की खरीदी इन आदिवासियों द्वारा अपने स्तर पर करनी थी और खरीदी के बिल प प के दस्तावेज जमा करने थे। 

यहाँ चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इन सैंकड़ों आदिवासियों को 30 हजार तो दूर 300 रुपए भी बैंक एकाउंट में विभाग ने नहीं डाले ऊपर से उन्हें नोटिस अलग से थमा दिया।

कलेक्टर द्वारा अनुमोदित है नोटिस
आदिम जाति कल्याण विभाग की ग भीर चूक तो यहाँ सामने आ ही रही है कि साथ ही कलेक्टर को भी इस पूरे मामले में मातहतों द्वारा गुमराह किया जाकर गलत ड्रा ट अनुमोदित कराए जाने का भी यह संगीन मामला है। 

संयोजक ने मांगी माफी कहा बाबू ने किया कलेक्टर तक को गुमराह
शिवपुरी। इस पूरे मामले में आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक धीरज मिश्रा ने आज उन हितग्राहियों से कलेक्टोरेट में ही विभाग की इस ग भीर भूल पर सार्वजनिक खेद प्रकट किया और इस गड़बड़ झाले का दोषी बाबू को बताकर उसे शाखा से पृथक करने की कार्यवाही भी कर डाली लेकिन बड़ा प्रश्न यह है कि आखिर इतनी बड़ी तादात में हितग्राहियों की यह राशि गई तो कहाँ गई, जिला संयोजक श्री मिश्रा का कहना है कि स बन्धित बाबू एस.एल. रावत सहायक ग्रेड 2 ने मुझे और जिला कलेक्टर गलत नस्ती प्रस्तुत की तथा हमें गुमराह किया यह ग भीर मामला है। उन्होंने तत्काल ही स बन्धित लिपिक श्री रावत सहरिया विकास अभिकरण की इस शाखा से हटाए जाने की कार्यवाही भी लगे हाथों कर डाली।