सांस्कृतिक राष्ट्रवाद में हमारे प्राण बसे है: विवेक जोशी

शिवपुरी। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद में हमारे प्राण बसे हैं क्योंकि भारत एक चिर पुरातन राष्ट्र है और सभी देशवासी इसके अंग हैं। भाजपा के तीन दिवसीय अ यास वर्ग के समापन सत्र के मु य अतिथि विवेक जोशी ने पार्टी की कार्यपद्धति एवं संरचना विषय पर संबोधित करते हुये उपरोक्त बात कही।

भाजपा के वरिष्ठ नेता विवेक जोशी ने जिला कार्यसमिति के प्रशिक्षण वर्ग में कार्यकर्ताओं से प्रश्नोत्तर करते हुये कहा कि संस्कारों के माध्यम से ही व्यक्ति का परिवर्तन संभव है और व्यक्ति से ही समाज में परिवर्तन किया जा सकता है. उन्होंने विचारधारा आधारित संरचना, कार्यपद्धति, कार्यक्रम एवं कार्यकरता के आपसी संबंधों को परिभाषित किया. इस सत्र की अध्यक्षता पूर्व विधायक नरेन्द्र बिरथरे ने की एवं भगवा अंगोछा तथा माला पहनाकर अतिथि स्वागत पार्टी के प्रवक्ता धैर्यवर्धन ने किया।

वर्ग में सांस्कृतिक अ युदय पर बोलते हुये मनोज दुवे ने कहा कि विपरीत हालातों में संस्कृति ही देश को खडा रखती है। 1857 की क्रांति की शुरूआत मंगल पांडे ने की क्योंकि संस्क्रति से बंधे होने के कारण वह गाय की चर्बी से बने कारतूस को मुंह से खोले जाने के खिलाफ थे। इस सत्र की अध्यक्षता तेजमल सांखला ने की एवं अतिथि स्वागत विपिन खेमरिया ने किया।

सैद्धांतिक अधिष्ठान की व्या या समझाते हुये ओमप्रकाश सिसौदिया ने कहा कि विचार या सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्धता को ही अधिष्ठान कहते हैं. उन्होंने भाजपा की पंचनिष्ठाओं क्रमश: राष्ट्रवाद, लोकतंत्र, सर्व धर्म समभाव, समता मूलक समाज और मूल्य आधारित राजनीति की जानकारी दी. इस सत्र की अध्यक्षता सपना दुबे एवं अतिथि स्वागत मंजुला जैन ने किया।