
बताया गया है कि उक्त प्लांटेशन के कार्य हेतु शासन द्वारा जो भूमि आवंटित की गई थी। जहॉ प्लांटेशन का कार्य आरंभ किया जा रहा था। वहीं ग्रामीण हरज्ञान गुर्जर पुत्र सरनाम सिंह गुर्जर, मोहर सिंह गुर्जर पुत्र भगवान सिंह गुर्जर की सिंचित भूमि को इसमें शामिल कर लिया गया।
जिसमें नलकूप भी था। जिसके माध्यम से उक्त व्यक्ति कृषि कार्य कर अपनी आजीविका चला रहे थे। वही भूमि उक्त प्लांटेशन में जाने की वजह से परेशान ग्रामीणों ने डिप्टी रेंजर हमीर सिंह रघुवंशी से उनकी भूमि को वहाल कराने का आग्रह किया तो उक्त अधिकारी ने अपना शातिराना दिमाग दौड़ाते हुऐ इस ठगी की योजना ही बना डाली और उक्त किसानों से भूमि व नलकूप दिलाने एवं रास्ता दिलाने आदि प्रलोभन दे उनसे मोटी रकम ऐंठ ली और बाद में न तो ग्रामीणों की भूमि बची और ना ही उनकी रकम वापस मिला।
यहां बताना आवश्यक है कि उक्त प्लांटेशन की जद में आये नलकूप के लिये वन विभाग द्वारा मुआवजा राशि भी प्रदाय की गई थी। जिससे कि उक्त अधिकारी ने अपनी जेब गरम कर ली और ग्रामीण मूंह ताकते रह गये।