कौन बनेगा शिवपुरी का प्रभारी मंत्री, जो रहेगा यहां साईलेंट मोड पर

शिवपुरी। कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय के बाद पीएचई एवं जेल मंत्री सुश्री कुसुम मेहदेले की शिवपुरी के प्रभारी मंत्री पद से विदाई तय हो गई है। कैबिनेट ने यह तय किया है कि जिलों में प्रभारी मंत्री निकटवत्र्ती जिलों के होंगे। शिवपुरी का अगला प्रभारी मंत्री कौन होगा इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। राजनीतिक पंडि़तो को कहना है कि जो यहां साईलैंड मौंड पर रह सकेगा साईलैंड मोड पर वही यहां प्रभारी मंत्री रहेगा। 

सूत्र बताते हैं कि जिले में प्रभारी मंत्री का दायित्व उस मंत्री को दिया जाएगा। जिसका समन्वय स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से होगा। प्रभारी मंत्री पद के लिए यूं तो जयभान सिंह पवैया से लेकर डॉ. नरोत्तम मिश्रा, माया सिंह, रूस्तम सिंह आदि के नाम है, लेकिन गोहद विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री लाल सिंह आर्य के प्रभारी मंत्री बनने की अधिक संभावना हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि जो भी प्रभारी मंत्री बनेगा उसमें यशोधरा राजे की सहमति अहम रहेगी।  

शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री पद पर पिछले ढाई साल से कुसुम मेहदेले दायित्व बहन कर रही है। सुश्री मेहदेले पन्ना जिले की है और प्रभारी मंत्री बनने के बाद उन्होंने इस जिले में अपनी कोई पहचान स्थापित नहीं की है। वे यहंा सिर्फ नाम की ही प्रभारी मंत्री काम की नही,उन्होने अपना कार्यकाल साईलैंड मोड पर ही रहकर निकाला। 

प्रभारी मंत्री बनने के बाद भी सुश्री मेहदेले ने शिवपुरी जिले के संदर्भ में अपने चारों ओर एक लक्ष्मण रेखा खींच रखी है ताकि स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से उनका टकराव न हो जाए। यही कारण है कि शिवपुरी जिले की भाजपा राजनीति में विरोधाभास की स्थिति निर्मित नहीं हुई। 

वहीं यह भी सच्चाई है कि सुश्री मेहदेले ने प्रभारी मंत्री के रूप में कोई छाप नहीं छोड़ी है। यहां न आने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी बताया जाता है कि उनके प्रभार का जिला उनके निर्वाचन क्षेत्र से काफी दूर है। इस कारण वह यहां समय नहीं दे पाती है। 

इसे ध्यान में रखते हुए शपथ ग्रहण के पश्चात आयोजित पहली कैबिनेट बैठक में यह तय किया गया कि आस पड़ौस के जिलों के मंत्रियों को ही प्रभारी मंत्री का दायित्व दिया जाएगा। इसके साथ ही कुसुम मेहदेले की शिवपुरी से विदाई तय हो गई है। 

अब बड़ा सवाल यह है कि शिवपुरी में अगला प्रभारी मंत्री कौन होगा? नई पॉलिसी के तहत ग्वालियर और च बल संभाग के मंत्री जिले के प्रभारी मंत्री बनने की योग्यता रखते हैं। जल संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा दतिया के विधायक है और शिवपुरी जिले के पूर्व में भी प्रभारी मंत्री रह चुके हैं। यहां उनके समर्थकों की सं या भी कम नहीं है। 

डॉ. मिश्रा गुना-शिवपुरी संसदीय  क्षेत्र से शायद इसी कारण 2009 का लोकसभा चुनाव भी भाजपा प्रत्याशी के रूप में लड़ चुके हैं, लेकिन चुनाव में उन्हें पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों ढाई लाख मतों से पराजय सहन करना पड़ी। 

इस कारण सूत्र बताते हैं कि श्री मिश्रा शिवपुरी के प्रभारी मंत्री बनने के इच्छुक नहीं है। प्रभारी मंत्री पद के लिए महल विरोधी भाजपाईयों की सबसे बड़ी डिमांड उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया है। महल विरोधियों का मानना है कि श्री पवैया के प्रभारी मंत्री बनने से शिवपुरी जिले की भाजपा राजनीति में संतुलन स्थापित होगा और उनकी राजनैतिक उपेक्षा का भी शमन होगा। 

श्री पवैया को भी शिवपुरी जिले का प्रभारी मंत्री बनने से कोई गुरेज नहीं है। क्योंकि यहां उनके समर्थकों की भरमार है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि वह चाहते हैं उन्हें शिवपुरी में फ्री हेण्ड मिले। लेकिन टकराब की आशंका से उन्हें फ्री हेण्ड मिलेगा इसकी आशा काफी कम है। 

इस कारण श्री पवैया के शिवपुरी का प्रभारी मंत्री बनने की संभावना काफी कम है। उन्हें शिवपुरी के स्थान पर गुना तथा अशोक नगर का प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है। नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह की संभावनाओं पर यदि दृष्टिपात किया जाए तो सूत्र बताते हैं कि वह खुद शिवपुरी की प्रभारी मंत्री बनने की इच्छुक नहीं है। 

श्रीमती माया ङ्क्षसह स्थानीय विधायक और खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की मामी हैं और शिवपुरी में उनकी एन्ट्री होगी इसकी संभावना भी बहुत क्षीण है। मुरैना विधायक और स्वास्थ्य मंत्री रूस्तम सिंह और गोहद विधायक तथा नर्मदा घाटी मंत्री लाल सिंह आर्य के नाम भी प्रभारी मंत्री के रूप में लिए जा रहे हैं। लेकिन इनमें से लाल सिंह आर्य के प्रभारी मंत्री बनने की अधिक संभावना इसलिए है कि उनके नाम पर यशोधरा राजे सिंधिया भी विरोध नहीं करेंगी।