जिला पंचायत अध्यक्ष के पुत्र पर माँ के पद का दुरूपयोग करने का आरोप

शिवपुरी। शिवपुरी जिला पंचायत में त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में  महिलाओं के 50 फीसदी आरक्षण की सरेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। जिसको लेकर बीते रोज असंतुष्ट जिला पंचायत सदस्यों द्वारा अध्यक्ष के पुत्र पर माँ के पद का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है। 

बताया गया है कि अध्यक्ष पुत्र रामवीर सिंह यादव द्वारा उनकी मॉं कमला बैजनाथ सिंह यादव के स्थान पर जिला पंचायत का संचालन अपने हाथों में ले पंचायतराज के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं। जिसे लेकर जिलापंचायत सदस्यों ने इसकी शिकायत जिला स्तर पर की कोई सुनवाई न होने से भोपाल में मंत्रियों से की और जिलापंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार के कुछ तथ्य मंत्रियों के समक्ष रखे।  इस शिकायत पर इसकी जांच कलेक्टर को सौंपे जाने व जिला पंचायत में हो रहे भृष्टाचार का खुलासा आज संयुक्त रूप से जिला पंचायत के असंतुष्ट सदस्यों ने प्रेस के समक्ष रख दिया और जिला पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खडे किये गये । 

जिला पंचायत के असंतुष्ठ सदस्य रामकली चौधरी , मिथलेश बघेल,  अभिलाषा लोधी, चंदेश लोधी, शशिबाला परिहार,  कृष्णा रावत, संतोबाई रावत, बृजमोहन लोधी, पूनम कुशवाह, रामस्वरूप रिझारी विधायक प्रतिनधि शिवपुरी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि शिवपुरी जिला पंचायत में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष कमला 

यादव है। उनके स्थान पर उनके पुत्र अध्यक्षी कर रहे हैं और माँ मूकदर्शक बनी हुई हैं। शासन को दिये गये शिकायती आवेदन में जो शिकायत की गई हैं वह इस प्रकार हैं जिला पंचायत अध्यक्ष के पुत्र रामवीर सिंह सांसद प्रतिनिधि है जिन्हें सांसद द्वारा जिला पंचायत की साधारण व सामान्य समिति में अपना प्रतिनिधि बनाया गया है । उन्हें सिर्फ  जिला पंचायत की बैठकों में ही आने का अधिकार है। 

लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष पुत्र व मध्यप्रदेश में कांग्रेस विचारधारा के जिला पंचायत के आये हुये प्रतिनिधियों में पंचायत जनप्रतिनिधि संगठन का गठन किया गया जिसमें रामवीर सिंह यादव संभागीय अध्यक्ष के पदाधिकारी बन बैठे हंै और वह स्वयं जिला पंचायत शिवपुरी के अध्यक्ष के पद का निर्वहन कर रहे हैं , उनकी अध्यक्ष मां महज मूकदर्शक बन बैठी हैं, अध्यक्ष पुत्र द्वारा द्वारा जिला पंचायत में अपना दबदवा बढाया जा रहा है वह प्रतिदिन जिला पंचायत अध्यक्ष के कक्ष में बैठते हैं अधिकारी कर्मचारियों को बुलाकर शासकीय कार्य में दखल देते हैं ।