
सुसाईड नोट में मृतक ने एक सूदखोर मोहन कुशवाह के नाम का जिक्र किया है। वहीं मृतक के पुत्र जितेन्द्र जाटव ने शिवपुरी के तीन सूदखोर राकेश राठौर, मोहन कुशवाह, संजय के नाम पुलिस को बताए हैं और कहा है कि इन तीनों ने उनके पिता के कोरे चैकों पर जबरन हस्ताक्षर करा लिए थे और तब से ही वह उसके पिता को परेशान कर रहे थे। इससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया। इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कल शाम मृतक नारायण पुत्र कंदूल जाटव उम्र 55 वर्ष निवासी मगरौनी अपने घर से नरवर के लिए आ गया था। जहां परिजनों की उससे आठ बजे के लगभग मोबाईल पर चर्चा भी हुई। इसके बाद रात्रि 8:30 बजे पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति ने सिंध नदी के पुल से कूंद कर आत्महत्या कर ली हैं।
उसका शव नदी में पड़ा हुआ है। इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक की तलाशी ली जिसमें पुलिस को एक सुसाईड नोट मिला। जिसमें उसने आत्महत्या करने का कारण सूदखोर मोहन कुशवाह को बताया।
बैंक का कर्ज बढ़ते जाना भी बना आत्महत्या का कारण
मृतक के परिजनों ने बताया कि उसके पिता एक ओर जहां सूदखोरों के भारी भरकम व्याज से परेशान थे। जिस कारण वह बैंक से मकान बनाने के लिए कर्ज को चुकता नहीं कर पा रहे थे। ऐसी स्थिति में बैंक का दवाब भी उनके ऊपर था। जिससे वह काफी तनाव में आ गए थे और उसकी परिणीती यह हुई कि उन्होंने आत्महत्या कर ली।
सूदखोर मेरे पिता पर रिटार्यमेंट लेने का बना रहे थे दवाब
मृतक के जेष्ठ पुत्र जितेन्द्र जाटव ने बताया कि उसके पिता ने शिवपुरी के रहने वाले मोहन कुशवाह, राकेश राठौर और संजय से कुछ रूपए उधार लिए थे। जिसका व्याज सूदखोरों द्वारा 20 प्रतिशत प्रति सैकड़ा के हिसाब से बसूला जा रहा था और उसके पिता उक्त सूदखोरों को कई गुना ब्याज दे चुके थे।
इसके बावजूद भी सूदखोर उसके पिता पर दवाब बना रहे थे कि वह अपनी नौैकरी से रिटार्यमेंट ले लें और उससे मिलने वाले पैसों से वह उनका कर्ज अदा करें।