
नगर पालिका में टेंकरों को भरने के लिए जिन हाईडेंटों को बनाया है वहां स्थिति बहुत विकट बनी हुई है। एक तो शहर में कम सं या में हाईडेंट है और दूसरे उसमें भू जल स्तर नीचे चला गया है। जिससे स्थिति और खराब हो गई है, लेकिन यह स्थिति भ्रष्टाचार को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
नगर पालिका का दावा है कि शहर में प्रतिदिन 100 टेंकरों से पानी की सप्लाई होती है और प्रत्येक टेंकर आठ चक्कर प्रतिदिन के मान से अपना बिल बढ़ा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि प्रतिदिन 3 चक्कर से अधिक टेंकर नहीं लगा रहा है। नगर पालिका के हिसाब से 800 टेंकर सप्लाई प्रतिदिन होना चाहिये।
यदि ऐसा होता तो शहर में पेयजल संकट कतई नहीं होता। लेकिन स्थिति इसके विपरीत है। शहर में नगर पालिका की शह से कागजों में पेयजल की सप्लाई हो रही है और भ्रष्टाचार में ठेकेदारों और नपा अधिकारियों के बारे न्यारे हो रहे हैं। प्रशासन के अधिकारी भी वितरण व्यवस्था पर मॉनीटरिंग करने में असफल रहे हैं