
ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा जारी वयान में कहा गया है कि लोकतांत्रिक शासन प्रणाली का मूल सिद्धांत है कि अपने नागरिकों को सस्ती एवं रियायती दर पर सुविधाएं प्रदान करना। लेकिन वर्तमान सरकार अच्छे दिन का सपना दिखाकर सत्ता में आने के बाद से लगातार जनविरोधी नीतियां अपना रही है। पूर्व से रेल किराए में पिछले दरवाजे से कई तरह से वृद्धि की जा चुकी है और अब रेल यात्रियों को किराए में दी जा रही रियायत को छीनने की तैयारी केंद्र की मोदी सरकार द्वारा की जा रही है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पूर्व में भी कांग्रेस सहित अन्य दलों एवं गठबंधनों की सरकार सत्ता में रही है, लेकिन जनता के हितों पर इस तरह से कुठाराघात किसी अन्य सरकार ने नहीं किया। लेकिन अच्छे दिनों का नारा देकर आई इस सरकार ने जनता को छलने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है।
अब टिकटों में दी जा रही रियायत को रेल टिकटों पर अंकित करके यात्रियों के स मान को ठेस पहुंचाई जा रही है। जनता को रियायत देना उन पर उपकार नहीं है, बल्कि ये एक लोक कल्याणकारी राज्य की प्रमुुख विषेशता है। इसलिए इस तरह की अपमानजनक व्यवस्था को तुरंत बंद किया जाना चाहिए, ज्ञात हो कि रेलवे ने यात्री टिकटों पर अंकित करना प्रारंभ कर दिया है कि कुल कितने मूल्य का टिकट है एवं इस पर कितने रूपए की सब्सिडी दी जा रही है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि रेलवे का विकास होना चाहिए, लेकिन रेलवे के विकास में बाधक केवल सब्सिडी का बोझ अकेला जि मेदार नहीं है बल्कि यह पड़ताल भी होनी चाहिए कि आखिर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क होने के बावजूद भारतीय रेलवे क्यों अपनी आमदनी बढ़ाने में नाकाम है? आज रेलवे को अपनी मूल कार्यप्रणाली को सुधारने की आवश्यकता है।
इसके साथ ही रेल परियोजनाओं के लागत की भी समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है। श्री सिंधिया ने यह भी आशंका व्यक्त की कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी ट्रेन बुलेट ट्रेन के लिए पिछले दरवाजे से बजट संग्रहीत करने की रणनीति का हिस्सा भी रेल किराए में सें रियायत को हटाने का एक कारण हो सकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चेतावनी दी कि यदि इस प्रकार की जनविरोधी नीति को केंद्र सरकार अपनाएगी तो कांग्रेस सडक़ से संसद तक जनता के हितों की लड़ाई लड़ेगी।