
कल गिरदावल नितिन श्रीवास्तव और पटवारी रामवीर रावत ने नापतौल कर प्रशासन को लिखित रूप में अवगत कराया कि नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह का मकान दो फुट अतिक्रमण में बना हुआ है। मकान पर लाल निशान से चिन्ह भी अंकित कर दिए गए हैं।
हालांकि नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह को अतिक्रमण हटाने का नोटिस अभी नहीं दिया गया है। लेकिन उन्होंने बताया कि वह न्यायालय और एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए स्वयं अतिक्रमण हटायेंगे।
उधर यह विवाद भी उठ खड़ा हुआ है कि नगरपालिका अध्यक्ष के मकान के पिछबाड़े नाला राजस्व रिकॉर्ड में है अथवा नहीं। अध्यक्ष की पैरवी करने वालों का कहना है कि राजस्व विभाग के 1973-74 के नक्शे में नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह का मकान सर्वे क्रमांक 47 में बना हुआ है और उक्त नक्शे में नाले का अस्तित्व नहीं है।
हालांकि मौके पर नाला दिखाई दे रहा है और इस विषय में पत्रकार अशोक अग्रवाल का कहना है कि जो नाला दिखाई देता है वह मुन्नालाल कुशवाह के परिवार वालों ने ही खेत से पानी निकालने के लिए बनाया था। वह यह भी कहते हैं कि प्रशासन राजस्व रिकॉर्ड पर कायम रहने की बात करता है और इसी आधार पर विष्णु मंदिर के नाले के अतिक्रमण के बारे में प्रशासन का कहना है कि राजस्व रिकॉर्ड में वहां नाला नहीं है तो प्रशासन स्पष्ट करे कि नपाध्यक्ष बाले मामले में रिकॉर्ड में नाला कहां है।