
नगर पालिका अधिकारी नायब तहसीलदार को मदनलाल शर्मा के अतिक्रमण के बारे में बदल-बदल कर बयान दे रहे थे। आरडी शर्मा के गायब होने के कारण यह पता नहीं चल रहा था कि मदनलाल का कितना अतिक्रमण हटाना है। यहां तक कि मकान पर अतिक्रमण के बारे में लिखी इबारत भी गायब थी।
नायब तहसीलदार सुनील प्रभास समझ गए कि नगर पालिका अधिकारी अपने सेवानिवृत्त कर्मचारी का बचाव कर रहे हैं। यह शक तब और गहरा हुआ जब कुछ कर्मचारियों ने कहा कि उनका जीना अतिक्रमण में नहीं आता। इस पर मु य नगर पालिका अधिकारी रणवीर कुमार ने पूरन कुशवाह से कड़ाई से पूछा कि जीना अतिक्रमण में आता है या नहीं।
तब श्री कुशवाह ने कहा कि जीना अतिक्रमण में है इसके बाद पुलिस तथा महिला पुलिस भेजकर तीन मंजिला मकान में निवासरत लोगों को सचेत किया गया और फिर जीने को हिटैची की सहायता से ढहा दिया गया।