
क्योंकि भदैंया कुण्ड स्थित हाईडेंट जहां बड़े टेंकर पानी भरते हैं वहां छोटे टेंकरों का भी मेला लगने लगा है। छोटे टेंकरों को पानी न भरने के कारण यहां विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। इससे बड़े टेंकरों के ठेकेदार और वार्ड पार्षद भी आमने सामने आ गए हैं।
एक पार्षद ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बड़े टेंकर के ठेकेदार के एक वरिष्ठ भाजपा नेता के करीबी होने के कारण भदैया कुण्ड हाईडेंट पर जनरेटर की भी व्यवस्था हैं जिससे लाईट जाने पर भी टेंकर आसानी से भरे जा रहे हैं। जबकि मुक्तिधाम स्थित हाईडेंट जहां छोटे टेंकर भरे जाते हैं, में जनरेटर की व्यवस्था नहीं है।
नगर पालिका ने बड़े और छोटे टेंकर भरे जाने के लिए 16 हाईडेंट बनाए हैं। इसके अतिरिक्त नगर पालिका ने बढ़ते हुए पेयजल संकट को देखते हुए 8 अन्य निजी नलकूपों को अधिगृहित किया है। अधिकांश हाईडेंट भदैया कुण्ड, बाणगंगा, नोनकोहलू की पुलिया, मुक्तिधाम, करबला आदि में बने हुए हैं।
इनमें से इनमें से नगर पालिका ने भदैया कुण्ड के तीन चार हाईडेंटों को बड़े टेंकर भरे जाने के लिए सुरक्षित कर दिया है। 10 बड़े टेंकरों के जरिये नगर पालिका शहर में बनी विभिन्न पानी की टंकियों और स पबैल में पानी की सप्लाई करती है और इनसे पाईप लाईन के जरिये घरों तक पेयजल पहुंचता है, लेकिन जिन इलाकों में पानी की टंकियां नहीं है वहां छोटे टेंकरों के जरिये वार्डों में पेयजल की सप्लाई होती हैं। बताया जाता है कि पेयजल समस्या के निदान हेतु नगर पालिका के 10 बड़े टेंकर और 100 छोटे टेंकर पानी की सेवायें दे रहे हैं।
लेकिन हाईडेंटों के सूखने के कारण पुन: गंभीर स्थिति निर्मित हो गई है। कल भदैया कुण्ड स्थित हाईडेंट पर छोटे टेंकर भी पानी भरने के लिए आ गए। जिसका ठेकेदार विकास शर्मा ने विरोध किया। उनका कहना है कि ये हाईडेंट सिर्फ बड़े टेंकरों के लिए सुरक्षित है।
फिर पानी भरने के लिए यहां क्यों छोटे टेंकर आए हैं। एक समय तो विकास शर्मा ने छोटे टेंकरों को पानी भरने नहीं दिया। इस पर वार्ड पार्षद ने मोबाईल पर उनसे बातचीत की और उनसे कहा कि इस समय रमजान का महिना है। छोटे टेंकर के हाईडेंट सूख गए हैं और जो हाईडेंट चल भी रहे हैं उन का उपयोग लाईट गायब हो जाने के कारण नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में हम जायें तो जायें कहां।