
आज पोहरी वन परिक्षेत्र के ग्राम बछौरा के नजदीक एक हिरण के मारे जाने की सूचना ग्रामीणों द्वारा दी गई जिसके बाद वन अमला हिरण के केवल पैर लेकर ही चलता बना जबकि मौके पर हिरण का धड पडा हुआ था।
जानकारी के अनुसार पोहरी वन क्षेत्र के ग्राम बछौरा के पास ग्रामीणों द्वारा शिकार की सूचना वनाधिकारी को दी गई जिसके बाद वन अमले को मौके पर भेजा गया परंतु मौके पर गई वन टीम महज हिरण की टांग लेकर लौट आई और मामले को रफा-दफा करने का प्रयास करने में जुट गये।
परंतु जब इस पूरे मामले की सूचना मीडियाकर्मियों को मिली तो उन्होने मौके पर जाकर हिरण के बांकी के शरीर का फोटो लेकर वन परिक्षेत्राधिकारी से बात की तो उन्होने पहले तो शिकार किये जाने की बात से ही इंकार कर दिया परंतु फोटो दिखाने पर उन्होने गलती को स्वीकार कर वन अमले को पुन: मौके पर भेजा जिसके बाद हिरण के पूरे शव को उठाकर लाया गया।
बताना लाजमी होगा कि अभी पंद्रह दिनों पूर्व भी हिरण के शिकार का मामला सामने आया था ग्रामीणों द्वारा शिकारी को पकडकर वन अमले को सौंप दिया गया था परंतु वनपरिक्षेत्र कार्यालय से शिकारी चकमा देकर भगा मेंं सफल रहा था।
जिसके बाद वन विभाग द्वारा पूरे मामले को ही रफा-दफा कर दिया गया था। हिरण के शिकार मामले में वन परिक्षेत्राधिकारी पोहरी आरके गुप्ता से चर्चा की गई तो उन्होने गैर जि मेदाराना बयान देते हुए कहा कि वन अमले को मौके पर हिरण का पैर ही मिला है जबकि पत्रकारों द्वारा जब फोटो और वीडियो दिखाया गया तो रेंजर बचाब की मुद्रा में आ गया और जॉच कराने की बात कहने लगे।
पोहरी वन परिक्षेत्राधिकारी आरके गुप्ता के इस बयान से जाहिर होता है कि वन अमले को वन्यजीवों एवं वनों की कितनी परवाह है, यदि अधिकारी इसी तरह लापरवाह बने रहे तो न तो वन्य जीव बचेगें और न ही वन।