
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रवक्ता ने बताया कि हम लगभग 500 कर्मचारियों को 04 माह से पगार न मिलने से हम बच्चों एवं परिवार को भोजन, शिक्षा व्यवस्था नही कर पा रहें है। दुकानदारों ने उधार देना बंद कर दिया है। वैसे तो प्रदेष में एनआरएचएम के 35 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी है जिन्होंने अप्रेल-मई माह में अप्रेजल नाम से अग्नि परीक्षा दी थी और शासन ने प्रत्येक संविदा स्वास्थ्य कर्मी से 500 रूपये का स्टॉप भरवाया था जिसमें ना-ना प्रकार की अमानवीय शर्ते लिखवा ली गई इस प्रकार मध्यप्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने 01 करोड़ 75 लाख रूपये के लगभग अपनी जेब से स्टॉप खरीदे और शासन के कहने पर अनेक शर्ते लिख दी।
ऐसे में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को अंग्रेजी हुकुमत की याद ताजा हो गई। इतनी शर्तो के बावजूद भी 04-04 माह से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को वेतन न मिलना यह एक अमानवीय कृत्य है जबकि प्रदेश में राजनीतिक लावी के लोगों को अत्यधिक पगार प्रतिमाह मिल रही है।
राजनीति से जुड़े हुये लोग देश में मजे उडा रहे है और गरीब संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी वेतन न मिलने से आर्थिक कंगाली के कगार पर पहुच गये । 500 किलोमीटर की दूरी से नौकरी करने आये संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हालत वेहद खराब है और 04 माह से वेतन न मिलना और 18-18 घण्टे काम लिया जाना यह लोकतंत्र में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ अन्याय है अगर यह अन्याय होता रहा तो लोकतंत्र का क्या मतलब रह जाता है आशा है मध्यप्रदेश शासन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन दिलवाने की व्यवस्था करे, ताकि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपने बच्चों को रोटी, कपड़ा, शिक्षा, मकान की व्यवस्था कर सकेगें।