जांच अधिकारी ही बनना है तो व्यापमं घोटाले की जांच करें डीपीसी: चंदूबाबूजी

शिवपुरी। यदि डीपीसी शिरोमणि दुबे को जांच अधिकारी बनने का इतना ही गुमान है तो वह व्यापमं घोटाले के जांच अधिकारी क्यों नहीं बन जाते, शासन के नियम-निर्देशों को हवा में उड़ाकर महज मॉनीटिरिंग करने की जिम्मेदारी डीपीसी को है लेकिन वह इस जिम्मेदारी को छोड़ प्रशासन के मुखिया की जिम्मेदारी निर्वहन करने की जहमत उठा रहे है जो कि न्यायोचित नहीं है।

शासन के नियम-निर्देशों के विपरीत कार्य करने वाले अधिकारी को अपने पद से निलंबित किया जाए और शिक्षकों को सिमी के कार्यकर्ता बताकर उनके साथ भद्दा मजाक करने वाले इस अधिकारी के खिलाफ उचित न्याययिक जांच की जाए अन्यथा मप्र कर्मचारी कांग्रेस, संयुक्त मोर्चा आन्दोलन करने को बाध्य होगा।

यह तीखा व तीव्र बयान जारी किया मप्र कर्मचारी कांग्रेस के संगठक व संयुक्त मोर्चा के संरक्षक चन्द्रशेख शर्मा चंदू बाबूजी ने जिन्होनें प्रशासन के फरमान का दुरूपयोग करने वाले डीपीसी शिरोणिम दुबे के द्वारा शिक्षकों पर लगाए गए आरोपों को खारिज किया और इस तरह पद के विरूद्ध कार्य करने पर उचित कार्यवाही की मांग की। 

इस मामले में मप्र कर्मचारी कांग्रेस व संयुक्त मोर्चा ने प्रशासन से मांग की हे कि जिला प्रशासन से किस हैसियत से डीपीसी को बीपीएल राशन कार्ड की जांच करने वाले अधिकारी बना दिया जबकि नियमों के तहत डीपीसी का कार्य केवल शासकीय शिक्षकों के द्वारा किए जाने वाले कार्य की मॉनीटरिंग करना है अन्यथा की स्थिति में शिक्षक, मप्र कर्मचारी व संयुक्त मोर्चा सडक़ पर उतरकर डीपीसी व जिला प्रशासन की इस तरह की जाने वाली मनमानी का विरोध करने के लिए सडक़ों पर उतरना पड़ेगा।