कोर्ट में कैदियों को अब नहीं करना होगा घंटो इंतजार

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शिवपुरी- मप्र ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश भर में जेलों में बंद कैदियों को अब माननीय न्यायालय के समक्ष पेश होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके लिए जेल विभाग द्वारा शीघ्र ही वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की व्यवस्था की जा रही है।

ताकि कोई भी कैदी इधर-उधर दूर दराज के प्रदेशों तक पुलिस अभिरक्षा में पेशी के लिए जाए उसे अब उसकी बैरक व जेल में ही न्यायालय के समक्ष पेश कर उसके केस की सुनवाई होगी। इसके अलावा केवल वह कैदी जिनके केसों में सजा या फैसला होना है उन्हें ही न्यायालय पहुंचना है इस सुविधा से जेल विभाग को काफी राहत मिलेगी। 

पेशी के लिए नहीं भागना पड़ेगा दूर-दराज के प्रदेश 
अभी तक जिला जेल या अन्य जगह जैसे गुना, ग्वालियर, झांसी, हैदराबाद, असम देश के किसी भी कोने में अपराधी यदि बंद है तो उसे संबंधित न्यायालय के समक्ष पेश किया जाता था जिससे बहुत सारा पैसा, सुरक्षा व कैदी की देखरेख जेल विभाग के जि मे थी। 

लेकिन अब से यह सुविधा होने पर कैदी किसी भी प्रदेश या जिले में रहे उसकी सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हो सकेगी। इससे कैदी पर पडऩे वाला जेल विभाग का भार भी घटेगा। बताया जाता है कि लगभग एक कैदी पर ही 2 लाख रूपये खर्च हो जाते थे जो कि अब जेल विभाग से बच सकेंगें। 

फैसले वाले कैदी ही पहुंचेंगे कोर्ट 
जेल मु यालय से जारी होने वाले आदेश के तहत अब केवल 20 प्रतिशत कैदी ही न्यायालय के समक्ष होंगें। क्योंकि जिन कैदियों के फैसले होना है वह कैदी ही न्यायालय के समक्ष पेश होंगें जबकि शेष 80 प्रतिशत कैदियों की सुनवाई उनके केस ट्रायल के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होगी। यह सुविधा मुरैना में 2 मई से जबकि शिवपुरी में 4 मई से होने की संभावना है।

इनका कहना है-
शीघ्र ही कैदियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की सुविधा होने वाली है जिसमें कैदी अब कोर्ट जाने के बजाए वीडियो कॉन्फ्रेंस से ही अपने केस की सुनवाई न्यायालय के समक्ष करा सकेंगें। 
ओ.पी.पाण्डे
जेलर, शिवपुरी
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